समाजसेवी झूमर डोगियाल ने बताया कि शादी विवाह, जागरण, जन्मदिन कार्यक्रम सहित में अफ़ीम, डोडा, शराब, बीड़ी सिगरेट की मनुहार नहीं होगी। साथ ही किसी की मृत्यु उपरांत बड़े भोज का आयोजन नहीं किया जाएगा। बाहर से आने वाले मेहमानों के सिर्फ़ सब्ज़ी रोटी बनाई जाएगी। बाहरवें की रस्म पर लापसी या चावल ही बनाए जा सकेंगे।
तरड़ ने बताया कि शोक के अवसर पर किसी प्रकार की पेरावणी व ओढ़ावणी स्वीकार करने पर भी रोक लगाई हैं। इसके अलावा शादी समारोह में डीजे भी नहीं बजा सकेंगे। इसके अलावा आजकल बड़ी दाढ़ी रखने का चलन भी चल रहा हैं। अधिकांश दूल्हे शादी में भी बढ़ी दाढ़ी के साथ ही बारात लेकर पहुंचते हैं।
मांडियाई कला के लोगों ने बढ़ी दाढ़ी के साथ बारात लेकर आने व जाने पर भी रोक लगाई हैं। समाज के लोगों ने साफ़ कहा हैं कि अगर दूल्हा बढ़ी दाढ़ी के साथ शादी करने जाएगा तो जुर्माने के साथ साथ बिना शादी किए कुंआरा लौटना पड़ेगा। दूल्हे को शादी में क्लीन शेव कर आना होगा। इसमें मूँछ रखने की छूट प्रदान की हैं। इसका पालन नहीं करने पर बारात भी बैरंग लौट सकती है।
भुगताना पड़ेगा दंड
यह सभी निर्णय समाज के सभी लोगों की सहमति से लिए गए हैं। इसके बावजूद भी कोई इनकी पालना नहीं करेगा तो जुर्माना लेने के साथ ही समाज से बहिष्कृत करने का कदम भी उठाया जाएगा।
मृत्युभोज पर सरकार की पाबंदी
वैसे मृत्युभोज पर सरकार की ओर से रोक लगाई हुई हैं, लोग फिर भी मृत्युभोज का आयोजन करते हैं। अब समाज के लोग इस कुरीति को रोकने पर आगे आने लगे हैं, यह सराहनीय कार्य हैं। इससे फ़िज़ूलखर्ची नहीं होगी। साथ ही शोकाकुल परिवार पर भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।