नहीं किया बेसलाइन असेसमेंट, अब शिक्षा विभाग करेगा कार्यवाही
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेसलाइन असेसमेंट नहीं कराने और शाला दर्पण पर इसकी प्रविष्टि नहीं करने वाले संस्था प्रधानों को अब शिक्षा निदेशालय नोटिस देने की तैयारी में है। शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने ऐसे 104 स्कूलों को नोटिस जारी कर उन्हें तीन दिन में शाला दर्पण पर प्रविष्टि करने के लिए कहा है
नहीं किया बेसलाइन असेसमेंट, अब शिक्षा विभाग करेगा कार्यवाही
जयपुर।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेसलाइन असेसमेंट नहीं कराने और शाला दर्पण पर इसकी प्रविष्टि नहीं करने वाले संस्था प्रधानों को अब शिक्षा निदेशालय नोटिस देने की तैयारी में है। शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने ऐसे 104 स्कूलों को नोटिस जारी कर उन्हें तीन दिन में शाला दर्पण पर प्रविष्टि करने के लिए कहा है यदि स्कूल ऐसा नहीं करते तो विभाग इन संस्था प्रधानों पर कड़ी कार्यवाही करेगा। गौरतलब है कि शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत वंचित विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट 18 अगस्त तक पूर्ण कर इसकी शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि 20 अगस्त तक करनी थी लेकिन कई स्कूलों के संस्था प्रधान और पीईईओ ने ऐसा नहीं किया।
किस जिले के कितने स्कूल
शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि नहीं करने वाले सर्वाधिक स्कूल बाड़मेर से हैं। यहां 13 संस्था प्रधानों की पोर्टल पर प्रविष्टि नहीं की है। इसके अलवा अजमेर के तीन,बांसवाड़ा के दो, बांरा के तीन, जयपुर के तीन, भरतपुर के एक, भीलवाड़ा के पांच, बीकानेर के पांच, चूरू के चार, दौसा के चार, धौलपुर के तीन, श्रीगंगानगर के चार, हनुमानगढ़ के चार, जैसलमेर के पांच, जालौर के सात, झालावाड़ के दो, जोधपुर के आठ,करौली के चार,कोटा के एक, प्रतापगढ़ के दो, राजसमंद के चार, सवाई माधोपुर के दो,सीकर के तीन, सिरोही के दो, टोंक के एक और उदयपुर के 10 स्कूल शामिल हैं।
जयपुर के इन स्कूलों ने नहीं की प्रविष्टि
महात्मा गांधी गर्वमेंट स्कूल, गठवाड़ी, जमवारामगढ़, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जयसिंह पुरा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कुंभावास,शाहपुरा।
क्या है बेसलाइन असेसमेंट
कोविड काल में विद्यार्थियों को हुए लर्निग लॉस को दूर करने के लिए प्रदेश के स्कूलों में राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को समूह में पढ़ाई करवाई जा रही थी। इसके लिए उन्हें वर्कबुक दी गई थी जिसके जरिए प्रथम चार कालांश में अध्ययन कराया जा रहा है। स्कूलों में इस कार्यक्रम के अनुसार शिक्षण और अध्ययन हो रहा है या नहीं, इसके निरीक्षण की जिम्मेदारी पीईईओ से लेकर संभागीय संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को दी गई थी। लर्निग लॉस की भरपाई के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों को पिछली कक्षाओं के तीन विषयों हिंदी, अंग्रेजी तथा गणित की पढ़ाई करवाई जा रही थी। इसके लिए इन स्टूडेंट्स का असेसमेंट किया गया। असेसमेंट में प्राप्त अंकों को शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड किया गयाए तो स्वत: ही विद्यार्थी को उसके असेसमेंट में प्राप्त अंकों के आधार पर ग्रुप अलॉट हो गया। इस ग्रुप अलॉटमेंट के आधार पर उन्हें विभिन्न ग्रुपों में बांटा गया और वे जिस ग्रुप तथा कक्षा स्तर के पाए गए, उन्हें उस स्तर की वर्कबुक दी गई जिससे उन्हें इनकी सहायता से लर्निग लॉस की पूर्ति कराकर कक्षा स्तर तक लाया जा सके।
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