जोशी ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार के मौजूदा शासन में आबू में हनुमान मंदिर तोड़ने और विरोध जताने पर कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर जेल भेजना, चूरू के राजगढ़ में भगवान शिव का मंदिर तोड़ने सहित राजसमंद के देवगढ़ में पुजारी दंपत्ती को जिंदा जलाने जैसी विभत्स घटनाएं गहलोत सरकार के राज में हुई हैं। अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कांग्रेसी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करने और बजरंग बली का जयकारा लगाने वाले राष्ट्रभक्त कार्यकर्ताओं को सरकार के मंत्री द्वारा अपराधी बताने जैसे बयान हिंदू भावनाओं को आहत करने वाले हैं। गहलोत सरकार ने साढ़े चार साल में हिन्दू भावनाओं को कुचलने का जो प्रयास किया है, यह गहलोत सरकार के पतन के साथ सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी।
कांग्रेस की विचारधारा हिन्दू विरोधी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को सदैव से हिंदू विरोधी और मुस्लिम तुष्टिकरण की पोषक रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शुरुआती समय से ही खुद के हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचय दे दिया था। उन्होंने पूर्व की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा भगवान राम और हिंदू आस्था विरोधी रही है। कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर निर्माण में लगाई गई अड़चनों और रामसेतु को तोड़ने वाले बयान भी याद दिलाए।