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जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के चार साल पुराने आॅनर किलिंग के चर्चित मामले में हत्या की साजिश रचने के आरोपी भाई की जमानत रद्द कर दी। उसे जयपुर में अदालत में समर्पण करने को कहा, वहीं अधीनस्थ अदालत को एक साल के भीतर ट्रायल पूरी करने का निर्देश दिया। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने टिप्पणी की, ‘ऐसे तो सभी आरोपी ट्रायल से पहले बाहर आ जाएंगे। आज मां आ गई, कल पापा बाहर होंगे।’ उधर, पीड़िता इसी मामले में आरोपी मां भगवानी देवी की जमानत के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
प्रधान न्यायाधीश रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने आॅनर किलिंग के कारण पति खोने वाली जयपुर निवासी ममता नायर की अपील पर सोमवार को यह आदेश दिया। अपील में महिला ने हत्या की साजिश के आरोपी भाई की जमानत को रद्द करने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। राजस्थान उच्च न्यायालय ने आरोप मुकेश चौधरी को एक दिसम्बर 2020 को जमानत दी। अपील में कहा कि 17 मई 17 को पति की निर्मम हत्या में आरोपी के शामिल होने के प्रमाण हैं।
शुक्रवार को हुई सुनवाई
अपील पर सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा, आपराधिक साजिश का मामला है। आरोपियों ने पहले शादी रोकने की कोशिश की। घटना से पहले मां और पिता शार्प शूटर के साथ घर आए और पीड़िता के पति को गोली मारी। पीड़िता का अपहरण करने की भी योजना थी। सीजेआई रमना ने आरोपी के अधिवक्ता वी के शुक्ला से कहा, आरोपी मुकदमे से पहले जेल से बाहर आना चाहता है। उन्हें मुकदमे के पूरा होने का इंतजार करना चाहिए। इस पर शुक्ला ने कहा, अभी कोई सबूत नहीं है। राजस्थान सरकार के अधिवक्ता एचडी थानवी ने भी जमानत रद्द करने का आग्रह किया।
परिवार पर साजिश का आरोप
पीड़िता ने परिवार की मर्जी के खिलाफ मलयाली युवक से शादी की। 17 मई 17 को पति अमित की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस समय याचिकाकर्ता 6 महीने की गर्भवती थी। हत्या की साजिश में माता-पिता और भाई के शामिल होने का आरोप है।