अस्पताल में जहां रोजाना 15,000 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं, वहीं आयुष ओपीडी में मुश्किल से 200 मरीज आते हैं। दरअसल, एसएमएस अस्पताल में मरीजों को आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से भी इलाज मिल सके, इसके लिए वर्ष 2005 में यहां आयुष चिकित्सा का आउटडोर शुरू किया गया था।
ओपीडी बेसमेंट में संचालित है। स्टाफ का कहना है कि, इस जगह का ढांचा लैब के माफिक है, इस कारण तीनों चिकित्सा पद्धति से इलाज के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। मरीज थैरेपी और उपचार में असुविधा महसूस करते हैं। पंजीकरण की व्यवस्था भी अव्यवस्थित है और इसे आइएचएमएस सिस्टम से नहीं जोड़ा गया है, जिससे मरीजों का डेटा एकत्र नहीं हो पाता।
दवाओं की किल्लत
यूनानी चिकित्सा के मरीजों को लंबे समय से दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि पिछले एक साल से दवाइयां कम आ रही हैं और उन्हें अपनी व्यवस्था से दवाइयां मंगवानी पड़ रही हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।
जगह बदलने की मांग
आयुष चिकित्सकों का कहना है कि अगर ओपीडी को धन्वन्तरि ओपीडी ब्लॉक में स्थानांतरित किया जाए, तो मरीज आसानी से पहुंच सकेंगे। हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आयुष ओपीडी में कम मरीजों के चलते वर्तमान स्थान पर्याप्त है। अस्पताल में अमूमन मरीज एलोपैथिक चिकित्सा के लिए आते हैं।