जयपुर

Ayodhya Ram Mandir : जयपुर में तैयार हुई चांदी की थाल में लगेगा भगवान श्रीराम को पहला भोग, जानें खासियत

Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या मेें 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रभु राम की सेवा का सौभाग्य जयपुर को भी मिला है। महोत्सव के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम के विग्रह को चांदी के जिस थाल में पहला भोग परोसा जाएगा, वह थाल गुलाबी नगरी में ही तैयार हुआ है।

जयपुरJan 18, 2024 / 09:10 am

Kirti Verma

राजकुमार शर्मा

Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या मेें 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रभु राम की सेवा का सौभाग्य जयपुर को भी मिला है। महोत्सव के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम के विग्रह को चांदी के जिस थाल में पहला भोग परोसा जाएगा, वह थाल गुलाबी नगरी में ही तैयार हुआ है। इसे चांदी की शिला पर हनुमानजी अपने दोनों हाथों से उठाए हैं। थाल में रखे गए कलश में चार अश्व लगाए गए हैं। साथ ही 9 नवरस (नौ भावनाएं), नवधा भक्ति (नौ भक्ति के रूप), नवग्रह (नौ ग्रह) और नवदुर्गा (मां दुर्गा के नौ रूप) को प्रदर्शित करते हुए नौ शुभ चिह्न भी उकेरे गए हैं। थाल में सुंदरकांड के 35वें सर्ग के 15 श्लोक भी उकेरे गए हैं। पचास लोगों की टीम ने दो माह में यह थाल तैयार किया।

अयोध्या में राममंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपतराय और राम मंदिर के पुजारी गुरु गोविंद देव गिरी को हाल ही 7.5 किलो चांदी से बना यह थाल जयपुर निवासी लक्ष्य पाबूवाल ने भेंट किया। इसके बाद चंपतराय ने थाल में ही प्रभु राम को पहला भोग लगाने को कहा।

यह भी पढ़ें

इकबाल सक्का की बनाई स्वर्ण पादुका पहनेंगे अयोध्या में भगवान श्रीराम



ऐसे बनाया थाल
लक्ष्य पाबूवाल ने बताया कि रामायण व रामचरित मानस ग्रंथ के अध्ययन के बाद डिजाइन तैयार की गई। इसके बाद थाल, कमल की पंखुड़ी के आकार वाले चार कटोरे और कलश तैयार किए गए। उन्होंने बताया कि भगवान राम के रथ में चार अश्व हैं, इसलिए थाल में इन्हें शामिल करने का आइडिया आया। ये चारों अश्व जीवन के चार प्रमुख तत्व कर्म, धर्म, अर्थ और मोक्ष को दर्शाते हैं।


थाल में प्रभु राम की चारित्रिक विशेषताएं
उन्होंने बताया कि हनुमानजी के चेहरे पर भावों की अभिव्यक्ति को भक्ति से गूंथा गया है। थाल में प्रभु राम के दिव्य गुणों व चारित्रिक विशेषताओं के साथ ही वन्यजीवों के प्रति स्नेह को भी दर्शाया है। थाल के केंद्र में सूर्य देव का चित्र प्रभु राम के सूर्यवंशी होने को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि श्लोक ‘राम: कमलपत्त्राक्ष:… में दशरथ नंदन की आंखों को कमल के समान बताया गया है। अत: कटोरे की डिजाइन कमल के आकार की बनाई गई।

थाल की डिजाइन तैयार होने से अंतिम दौर तक कारीगरों ने दस्ताने और मास्क पहनकर ही काम किया। ताकि थाल में कोई दाग-धब्बा न आए और न ही खरोंच आदि से इसका स्वरूप खराब हो।

यह भी पढ़ें

राजस्थान के संगमरमर से तैयार वेदी पर विराजमान होंगे रामलला

 

संबंधित विषय:

Hindi News / Jaipur / Ayodhya Ram Mandir : जयपुर में तैयार हुई चांदी की थाल में लगेगा भगवान श्रीराम को पहला भोग, जानें खासियत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.