देश के ढाई हजार से अधिक क्षेत्रों से आई मिट्टी यदि पूरे देशभर के तीर्थ स्थानों व मंदिरों की बात की जाए तो नींव को मजबूत बनाने में 2 हजार 587 क्षेत्रों की मिट्टी का उपयोग किया गया है। हजारों साल तक राम मंदिर सुरक्षित खड़ा रहे, इसलिए इसकी नींव के निर्माण का कार्य लगभग पांच महीनों तक चला। मंदिर निर्माण के लिए जमीन की 50 फीट गहराई में कांक्रीट की आधारशिला रखी गई। जिसकी 2.77 एकड़ भूमि पर भव्य राम मंदिर बन रहा है।
राजस्थान में यहां से एकत्रित हुई मिट्टी जयपुर से मोती डूंगरी गणेशजी, गोविंद देवजी, गलता पीठ, घाट के बालाजी, शिलामाता, झूलेलाल मंदिर अमरापुर, श्री ताड़केश्वर महादेव मंदिर, त्रिवेणी धाम, शाकंभरी माता सांभर, ज्वाला माता मंदिर जोबनेर, वीर हनुमान मंदिर सामोद, पंचखंड पीठ विराटनगर, सीकर जिले से खाटूश्याम जी, रेवासा पीठ, जीणमाता मंदिर, चूरू जिले से सालासर बालाजी, ददरेवा धाम राजगढ़, झुंझुनूं जिले से रानी सती मंदिर, सूर्य मंदिर लोहार्गल, शाकंभरी माता मंदिर उदयपुरवाटी, अलवर जिले से भर्तृहरि धाम पांडुपोल, करौली जिले से मदन मोहन जी मंदिर, कैला माता मंदिर।