जानकारी के अनुसार पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में अवनी ने दस मीटर एयर राइफल वर्ग में 627.7 प्वाइंट हासिल कर गोल्ड मैडल जीता। प्रतियोगिता में अवनि ने 250.6 अंकों के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही अवनि को अगले पैरालंपिक का कोटा भी हासिल हो गया है। अवनि ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता—पिता प्रवीण लखेरा को दिया है।
पैरालंपिक्स में दिलाया था पहला गोल्ड
जयपुर में जन्मी अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक्स 2020 में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता था। पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग में ये पहला गोल्ड मेडल था। इसके अलावा 2016 से 2020 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल जीता है। यूएई में हुई पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में अवनि ने सिल्वर मेडल जीता था।
जयपुर में जन्मी अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक्स 2020 में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता था। पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग में ये पहला गोल्ड मेडल था। इसके अलावा 2016 से 2020 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल जीता है। यूएई में हुई पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में अवनि ने सिल्वर मेडल जीता था।
वीजा की वजह से टूट गई थी आस
गौरतलब है कि अवनि लखेरा अंतिम समय पर फ्रांस पहुंच पाई थी। वीजा में हुई परेशानी के चलते उनके फ्रांस जाकर प्रतियोगिता में शामिल होने पर भी संशय था। अवनि ने इसके चलते ट्वीट कर बताया था कि, मैं दुखी हूं, फ्रांस जाने में सक्षम नहीं हूं क्योंकि मेरी एस्कॉर्ट श्वेता जेवरिया और मेरे कोच राकेश मनपत का वीजा जारी नहीं किया गया है। सात जून का मैच मेरे लिए महत्वपूर्ण है। क्या कोई मदद कर सकता है? भारतीय खेल प्राधिकरण ने लेखरा के जवाब में ट्वीट किया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, अथक प्रयासों के बावजूद वीजा नहीं मिल सका।
गौरतलब है कि अवनि लखेरा अंतिम समय पर फ्रांस पहुंच पाई थी। वीजा में हुई परेशानी के चलते उनके फ्रांस जाकर प्रतियोगिता में शामिल होने पर भी संशय था। अवनि ने इसके चलते ट्वीट कर बताया था कि, मैं दुखी हूं, फ्रांस जाने में सक्षम नहीं हूं क्योंकि मेरी एस्कॉर्ट श्वेता जेवरिया और मेरे कोच राकेश मनपत का वीजा जारी नहीं किया गया है। सात जून का मैच मेरे लिए महत्वपूर्ण है। क्या कोई मदद कर सकता है? भारतीय खेल प्राधिकरण ने लेखरा के जवाब में ट्वीट किया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, अथक प्रयासों के बावजूद वीजा नहीं मिल सका।