ऐसे होगी टेस्ट ड्राइविंग
– जानकारी के अनुसार सबसे पहले आठ अंक नुमा ड्राइविंग ट्रैक पर ट्राय़ल होगा। इस पर गाड़ी सीधी और रिवर्स लानी होगी। यहां 20 सेंसर लगे होंगे, जहां गलती होगी, सेंसर बज उठेंगे।
– जानकारी के अनुसार सबसे पहले आठ अंक नुमा ड्राइविंग ट्रैक पर ट्राय़ल होगा। इस पर गाड़ी सीधी और रिवर्स लानी होगी। यहां 20 सेंसर लगे होंगे, जहां गलती होगी, सेंसर बज उठेंगे।
– दूसरे टेस्ट में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर पहली बार करीब पांच फीट की चढाई पर गाड़ी ले जानी होगी। चढाते समय गाड़ी जरा भी पीछे आई या गलता दिशा में गई तो सेंसर
फिर बज उठेंगे। – तीसरे टेस्ट में गाड़ी को एच बना हुआ जिस पर एक बार सीधा और दूसरी बार तिरछा पार्क करना होगा। इस प्रक्रिया में कोई भी गलती हुई तो भी सेंसर की लाल बत्ती जल जाएगी।
यह होगी प्रकिया
परमानेंट लाईसेंस के लिए जो ऑनलाइन तारीख और समय मिलेगा उससे 45 मिनिट पहले वाहन चालक को ट्रैक पर पहुंचना होगा। ट्रैक पर पहुंचने के बाद वाहन चालक की पूरी मॉनिटरिंग कैमरा बेस्ड सेंसर के माध्यम से होगी।
परमानेंट लाईसेंस के लिए जो ऑनलाइन तारीख और समय मिलेगा उससे 45 मिनिट पहले वाहन चालक को ट्रैक पर पहुंचना होगा। ट्रैक पर पहुंचने के बाद वाहन चालक की पूरी मॉनिटरिंग कैमरा बेस्ड सेंसर के माध्यम से होगी।
जितनी गलतियां होगी, उतने नंबर कम हो जाएंगे। टेस्ट की प्रक्रिया के बाद समय और अंको की गणना के आधार पर रिजल्ट जारी हेगा। इसमे वाहन चालक अधिकारी-कर्मचारी पर आरोप भी नहीं लगा पाएगा। आपत्ति पर ट्राय़ल की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाई जा सकेगी। ट्रायल से पहले 20 मिनिट की रोड़ सेफ्टी क्सास भी होगी।