जयपुर

जागरूकता में कमी के कारण बढ़ रहा अस्थमा

अस्थमा, सांसों की एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है।

जयपुरMay 03, 2023 / 06:57 pm

Manish Chaturvedi

जागरूकता में कमी के कारण बढ़ रहा अस्थमा

जयपुर। अस्थमा, सांसों की एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में यह रोग हर साल 45 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनता है जिसमें से करीब 43 फीसदी मौतें भारत से रिपोर्ट की जाती हैं। अस्थमा दिवस पर जीवन रेखा हॉस्पिटल में स्वास्थ्य परिचर्चा आयोजित हुई। जिसमें सीनियर श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ शुभ्रांशु और डॉ देवेश कानूनगो ने यह जानकारी दी। डॉ शुभ्रांशु ने कहा कि अस्थमा को लेकर गलत जानकारियों, देखरेख-बीमारियों के निदान में देरी और मरीजों को समय पर दवा न मिल पाने के कारण यह रोग बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर में अस्थमा के कुल रोगियों में से 10 फीसदी मामले अकेले भारत से ही रिपोर्ट किए जाते हैं। अस्थमा की रोकथाम और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है।

किसी भी उम्र हो सकता है अस्थमा ..

डॉ कानूनगो ने बताया कि अस्थमा, बच्चों से लेकर वयस्कों तक किसी को भी हो सकता है। वायुमार्गों के आसपास की मांसपेशियों में सूजन और इसके संकीर्ण हो जाने के कारण इस तरह की दिक्कत होती हैं। अस्थमा के रोगियों के लिए सांस लेना कठिन हो सकता है, कई बार अस्थमा अटैक की स्थिति में जटिलताएं और भी बढ़ सकती हैं।

कई कारणों से हो सकती है बीमारी ..

अस्थमा, कोल्ड-फ्लू जैसे वायरस से संक्रमण, एलर्जी, धूल-धुंए आदि के कारण ट्रिगर हो सकता है। अस्थमा रोग, वायुमार्ग या ब्रोन्कियल नलियों की अंदरूनी परतों में सूजन का कारण बनती है। इससे फेफड़ों में हवा का संचार बाधित हो सकता है, जिसके कारण रोगियों को सांस लेने में दिक्कत और सांस छोड़ते समय सीटी-घरघराहट की आवाज आ सकती है। अस्थमा अटैक के दौरान, वायुमार्ग सूज जाते हैं उनके आसपास की मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं जिसके कारण फेफड़ों में हवा का आना-जाना मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

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