जिला निवार्चन अधिकारी ने दोनों नगर निगम सफाई कर्मचारियों की चुनावों में ड्यूटी लगाकर उनकी रिपोर्टिंग करवाने के लिए निगम को ड्यूटी लेटर भेज दिए। अब इन ड्यूटी लेटर में किसी के मोबाइल नंबर सही नहीं है तो किसी का घर का पता ही गलत आ रहा है, ऐसे में निगम अफसरों के सामने कर्मचारियों तक सूचना पहुंचाना मुश्किल काम हो गया है। हालांकि जिन कर्मचारियों के मोबाइल नंबर मिल गए, उन्हें सूचना दे दी गई है। निगम अधिकारियों की मानें तो ऐसे कई कर्मचारी है, जिनकी चुनावों में ड्यूटी लगी है और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
4 हजार से अधिक कर्मचारियों की लगाई चुनावों में ड्यूटी
निगम अधिकारियों की मानें तो दोनों नगर निगमों के 4 हजार से अधिक सफाई कर्मचारियों की चुनावों में ड्यूटी लगा दी गई है। इनमें कई कर्मचारी अनपढ़ भी है। जबकि दोनों नगर निगमों में करीब 7800 से सफाई कर्मचारी है। इनमें भी एक हजार के करीब सफाई कर्मचारी विभिन्न कार्यालयों में लगे हुए है। ऐसे में एक से डेढ़ हजार सफाई कर्मचारियों के जिम्मे शहर की सफाई व्यवस्था छोड़ रखी है। कुछ वार्डों में तो चार—पांच ही सफाईकर्मी ही रह गए हैं। वहीं मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारियों की भी चुनावों में ड्यूटी लगा दी गई है। इससे सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
लिखा पत्र, हुआ कुछ नहीं
सफाई कर्मचारियों की चुनावों में ड्यूटी लगाने को लेकर संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने जिला निवार्चन अधिकारी और दोनों नगर निगम आयुक्तों को पत्र लिखा, इसमें बिगड़ती सफाई व्यवस्था को लेकर कर्मचारियों की ड्यूटी निरस्त करवाने की मांग की गई। हालांकि अभी तक किसी कर्मचारी की ड्यूटी निरस्त नहीं हुई। उधर, सफाई कर्मचारियों की मानें तो अनपढ़ व महिला सफाई कर्मचारियों को निगम प्रशासन ने चुनावी ड्यूटी में नहीं जाने के लिए कहा है।
दिवाली से पहले बिगड़ी सफाई व्यवस्था
सफाई कर्मचारियों की चुनावों में ड्यूटी लगने से शहर में सफाई व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इस बीच दिवाली की सफाई का कचरा भी सड़कों पर आने से दिवाली से पहले ही शहर में कचरा—डिपो बन गए है।
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5 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया का कहना है कि सफाई जरूरी सेवाओं में आती है। चुनावों में 5 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है, इससे सफाई व्यवस्था खराब हो रही है। अनपढ़ कर्मचारियों को भी ड्यूटी लगा दी है। राजस्थान में सिर्फ जयपुर शहर में सफाई कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया है, जबकि राजस्थान में कहीं भी नहीं लगाया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव से सफाईकर्मियों की ड्यूटी हटाने की मांग की है।