दिव्यांश जगतपुरा स्थित कुसुम विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके पिता अशोक पंवार एसएमएस अस्पताल के सुपरस्पेशलिटी में सीनियर नर्सिंग स्टॉफ है। अशोक सिंह ने बताया कि बेटे के गोल्ड जीतने के बाद सुबह से ही उनके पास बधाईयों आना शुरू हो गई। अस्पताल में भी जश्न जैसा माहौल था। डॉक्टरों ने मिठाईयां मंगवा कर मिठाई खिलाई और वितरित की।
दिव्यांश और उसकी टीम ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, रुद्रांश बालासाहेब ने 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में 1893.7 के कुल स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता है। यह एशियन गेम्स में भारत का पहला गोल्ड मैडल है।
मां ने नहीं खाई मिठाई
दिव्यांश की माताजी निर्मला पंवार ने कहा कि उन्होंने उसकी जीत के लिए उपवास रखा है। इसलिए जब मिठाई वितरित हुई तो वे मिठाई नहीं खा पाई। वहीं दिव्यांश की दादी मूर्ति देवी ने कहा कि वह जब भी बाहर खेलने जाता है तो आशीर्वाद लेकर जाता है। इस बार जब एशियन गेम्स में जा रहा था तब बोलकर गया था दादी मैं गोल्ड लेकर आऊंगा। पोते ने किया वादा निभा दिया है।
दिव्यांश की माताजी निर्मला पंवार ने कहा कि उन्होंने उसकी जीत के लिए उपवास रखा है। इसलिए जब मिठाई वितरित हुई तो वे मिठाई नहीं खा पाई। वहीं दिव्यांश की दादी मूर्ति देवी ने कहा कि वह जब भी बाहर खेलने जाता है तो आशीर्वाद लेकर जाता है। इस बार जब एशियन गेम्स में जा रहा था तब बोलकर गया था दादी मैं गोल्ड लेकर आऊंगा। पोते ने किया वादा निभा दिया है।
सीएम गहलोत ने दी बधाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दिव्यांश को बधाई दी। सीएम ने लिखा कि : दिव्यांश की ऐतिहासिक सफलता, तिकड़ी ने बनाया भारत को विजेता। चीन में चल रहे एशियन गेम्स में भारत की पुरुष एयर राइफल टीम ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ पहला स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। इस ऐतिहासिक सफलता के लिए जयपुर के होनहार दिव्यांश सिंह पंवार, रुद्रांक्ष बालासाहेब पाटिल और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर को हार्दिक बधाई। राजस्थान के बेटे दिव्यांश व इस प्रतिभावान तिकड़ी पर पूरे देश को गर्व है।