बता दें, अंतिम संस्कार के दौरान एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, डीसीपी तेजस्वनी गौतम सहित कई पुलिस अधिकारी और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। वहीं, सरकार की तरफ से झुंझुनूं MLA राजेंद्र सिंह भांबू को भेजा गया, उन्होंने पुष्प चक्र अर्पित किए।
अंतिम विदाई से पहले तिरंगा यात्रा
जानकारी के मुताबिक पार्थिव देह को गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे जयपुर से नीमराणा लाया गया। वहां से हीरो चौक से उनके घर तक करीब ढाई किलोमीटर की दूरी तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। सैकड़ों युवाओं ने ‘सुरेंद्र सिंह अमर रहें’ के नारों के साथ यात्रा में हिस्सा लिया। घर पहुंचने पर मां किताब देवी (82) ने बेटे को आखिरी बार दुलारा, जिससे हर किसी की आंखें नम हो गईं। पत्नी सविता अंतिम दर्शनों के दौरान काफी देर तक पास बैठकर रोती रही, जिसे परिजनों ने संभाला। वहीं परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। यह भी पढ़ें
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बताया जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह की मौत की खबर को परिजनों ने उनकी मां किताब देवी से छिपाए रखा था। उन्हें केवल यह बताया गया कि सुरेंद्र सिंह की तबीयत खराब है। लेकिन जब गुरुवार दोपहर 11.30 बजे यह खबर घर में पहुंची, तो सुरेंद्र के पुलिस विभाग से रिटायर्ड चाचा नाहर सिंह अपने आंसू नहीं रोक सके। इसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। इससे पहले सुरेन्द्र सिंह की पत्नी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधा था। उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि मेरे पति मुख्यमंत्री को बचाते हुए शहीद हो गए, लेकिन CM साब मिलने तक नहीं आए। अगर मेरे पति उस समय वहां से हट जाते तो क्या होता, सरकार की तरफ से कोई नहीं आया हमारे पास, हमें लिखित में आश्वासन चाहिए।
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