राजस्थान कांग्रेस के दो सीनीयर मोस्ट नेताओं के बीच अदावत खुलकर सामने आई हुई है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जहां अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पायलट पर बार-बार निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं। इधर कांग्रेस आलाकमान भी दोनों नेताओं के बीच जारी खींचतान में ज़्यादा कुछ करता नहीं दिख रहा है।
नाम लिए बगैर फिर निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान दिए संबोधन में एक बार फिर सचिन पायलट को निशाने पर लिया। हालांकि इस बार उन्होंने नाम लिए बगैर अपनी बात कही और पायलट की ओर से उठाई जा रही एक मांग को ‘बुद्धि का दिवालियापन’ बता डाला।
सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार ने 26 लाख युवाओं को रीट परीक्षा के लिए नि:शुल्क ट्रांसपोर्ट दिया, मगर जब पेपर आउट हुआ तो वही हाइलाइट हो गया। हमारे यहां मांग की जाती है कि पेपर आउट हो गया तो मुआवजा दो। इसे बुद्धि का दिवालियापन ही कहेंगे। दुनिया में ऐसी मांग किसी ने आज तक नहीं की। ये लोग समझते ही नहीं हैं कि क्या करना है। गौरतलब है कि सचिन पायलट ने जिन मांगों को लेकर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रखा है, उसमें एक मांग यह भी है।
जारी है ‘शब्द बाण’ का सिलसिला
सीएम गहलोत के पायलट को लेकर नाराज़गी समय-समय पर झलकती रही है। अब तक वे कई बार ऐसे ‘शब्द बाण छोड़ चुके हैं जो सुर्खियां बने रहे। इनमें ‘निकम्मा, ‘नाकारा’, ‘वायरस’, ‘गद्दार’ शब्द शामिल हैं।
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राजे पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने हमारी तत्कालीन सरकार के सारे विकास कार्य बंद कर दिए। हाउसिंग बोर्ड और रोडवेज बंद करने की बात हुई और तीन विश्वविद्यालय बंद कर दिए। उत्तराखंड त्रासदी में जो मर गए थे, उन्हें हमने अनुकम्पा नियुक्ति दी थी। उनकी नौकरियां तक छीन ली। ग्रामीण बस सेवा बंद कर दी।
इधर, फिर स्थगित हुई ‘सुलह’ बैठक
राजस्थान व मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर शुक्रवार व शनिवार को होने वाली कांग्रेस की बैठकें स्थगित कर दी गई हैं। नई तारीखें जल्द ही तय होंगी। दरअसल, कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। इसके तहत शुक्रवार को राजस्थान व मध्यप्रदेश तथा शनिवार को छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम को लेकर यहां बैठकें होने वाली थीं जो स्थगित हो गई है।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को 9 साल पूरे हो रहे हैं। कांग्रेस इस पर विरोध व्यक्त करेगी। ऐसे में पार्टी ने अपने अंदरूनी विवादों के बजाय भाजपा पर आक्रमण करने की रणनीति बनाई है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश इसको लेकर पत्रकार वार्ता भी करेंगे।
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अंदरूनी झगड़ों को हम सब कंट्रोल कर लेंगे
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने गुरुवार को दावा किया कि कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ों को हम कंट्रोल कर लेंगे। रंधावा ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत और पायलट के बीच खेमेबाजी को लेकर कहा कि जिस पार्टी और घर में कुछ होता है तो लड़ाई भी वहीं होती है, यदि कहीं कुछ होगा ही नहीं तो वहां लड़ाई क्या होगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के 15 दिन के अल्टीमेटम पर रंधावा ने जवाब दिया कि उन्होंने कांग्रेस या हाईकमान को कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है और जिसे अल्टीमेटम दिया है, इसका जवाब भी वहीं दे सकते हैं। पायलट यदि मुझे या कांग्रेस हाईकमान को अल्टीमेटम देते तो मैं जवाब दे देता। गौरतलब है कि पायलट ने 11 से 15 मई तक अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा निकाली थी और समापन पर अपनी तीन मांगों को लेकर 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था।