पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर पोस्ट कर लिखा कि ‘पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी केन्द्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की पराकाष्ठा है।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘ऐसा देश में पहली बार देखा जा रहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। ईडी का काम केवल राजनीतिक तोड़-फोड़ करना ही रह गया है। यह लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।’
साथ ही गहलोत ने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि दिन रात 400 पार का शोर मचा रही भाजपा को 200 सीटों का भी आत्मविश्वास नहीं है इसलिए इस तरह के तानाशाही कदम रोज उठाए जा रहे हैं।’
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दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन पालीवाल ने भी अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा कि ‘ईडी के द्वारा हमारे कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया, विरोध लाजमी है। अब संग्राम सड़कों पर होगा। मैं राजस्थान के सारे क्रांतिकारी साथियों से अपील करता हूं। रातों रात चलकर शुक्रवार सुबह प्रदेश कार्यालय पर पहुंचें। आज पार्टी जयपुर में विरोध प्रदर्शन करेगी।
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बता दें कि यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन से संबद्ध है। हालांकि, बाद में यह नीति रद्द कर दी गई। आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इसी मामले में न्यायिक हिरासत में है। ईडी के आरोपपत्र में केजरीवाल के नाम का उल्लेख कई बार किया गया है।
एजेंसी का आरोप है कि आरोपी आबकारी नीति बनाने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे। यह नीति बनाने और इसे लागू करने के लिए आप पर रिश्वत लेने का आरोप है। ईडी ने हाल में एक बयान में आरोप लगाया था कि बीआरएस नेता कविता और कुछ अन्य ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये अदा कर आबकारी नीति में फायदा पाने के लिए केजरीवाल और सिसोदिया जैसे आप के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी।