इस बार बारिश होने पर हवा नहीं चली है। खेतों में तैयार फसल को खड़ी रहने पर कोई नुकसान नहीं होता है। परिणामस्वरूप बाजरे की खड़ी फसल गिरी नहीं है। गौरतलब है कि राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाजरे की बिजाई किसानों ने अधिक की थी। दिवाली बाद उत्तर प्रदेश की इटावा, एटा, मैनपुरी, फरूक्खाबाद, उरई एवं ओरैया लाइन में भी नया बाजरा आने लगेगा। इसी प्रकार प्रयागराज लाइन में नवंबर के पहले सप्ताह में बाजरे का आवक दबाव बनने लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार किसानों ने इस बार हाइब्रिड बीज की बिजाई ज्यादा की है। लिहाजा देश में बाजरे की पैदावार 120 लाख टन के आसपास होने का अनुमान है। बीते सीजन में लगभग 80 लाख टन बाजरे का उत्पादन हुआ था।