सुमेरपुर, जोधपुर, मथानिया और फलौदी में अरंडी की आवक बढ़ी
अरंडी एवं अरंडी तेल का भारत दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। इसकी वैश्विक मांग और घरेलू खपत भी निरंतर बढ़ती जा रही है। इस साल अरंडी की पैदावार पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यही कारण है कि अरंडी और अरंडी तेल में इन दिनों नरमी का रूख बना हुआ है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली के चलते जयपुर मंडी में अरंडी तेल 15,000 रुपए प्रति क्विंटल पर 350 रुपए तक टूट गया है। राजस्थान की सुमेरपुर, जोधपुर, मथानिया एवं फलौदी आदि मंडियों में अरंडी सीड की दैनिक आवक तीन हजार बोरी के आसपास बताई जा रही है।
वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 87 फीसदी से ज्यादा श्रीराम ऑयल एंड केमिकल इंडस्ट्रीज के द्वारका प्रसाद मूंदड़ा का कहना है कि अरंडी तेल के वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 87 फीसदी से ज्यादा है। अरंडी तेल का निर्यात यूरोप, चीन, नीदरलैंड एवं जर्मनी आदि देशों में किया जाता है। व्यापारियों के अनुसार देश से प्रति माह 45 से 50 हजार टन अरंडी तेल का निर्यात किया जाता है। अरंडी की फसल का आकलन करने एवं निर्यात संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए 24 एवं 25 फरवरी को ग्लोबल कैस्टर कॉन्फ्रैन्स का आयोजन किया जा रहा है। दी सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की थीम कैस्टर सस्टेनेबिलिटी- ए वे फॉरवार्ड पर आधारित है। कॉन्फ्रैन्स में अरंडी पैदा करने वाले किसान, अरंडी तेल के निर्माता, आयातक एवं निर्यातक, सर्विस प्रोवाइडर, कैस्टर ऑयल यूजर्स जैसे पेंट, लुब्रिकैंट निर्माता आदि हिस्सा लेंगे।