अलग-अलग रेट
अवैध हथियार तस्करों ने सोशल मीडिया पर अवैध हथियार की सप्लाई के लिए राजस्थान के 200 रुपए तो उत्तर प्रदेश के 1000 रुपए तय कर रखे हैं। इसी प्रकार हरियाणा, मध्यप्रदेश के 1500-1500ए पंजाब के 1800 रुपए तय कर रखे हैं। राजस्थान की सबसे कम कीमत होने पर आशंका है कि तस्कर राजस्थान में अधिक सक्रिय हैं। वह 2000 रुपए में देशी कट्टा और 25,000 रुपए में पिस्टल बेच रहे हैं। इनके साथ कुछ राउंड कारतूस भी उपलब्ध करवाते हैं।
अवैध हथियार तस्करों ने सोशल मीडिया पर अवैध हथियार की सप्लाई के लिए राजस्थान के 200 रुपए तो उत्तर प्रदेश के 1000 रुपए तय कर रखे हैं। इसी प्रकार हरियाणा, मध्यप्रदेश के 1500-1500ए पंजाब के 1800 रुपए तय कर रखे हैं। राजस्थान की सबसे कम कीमत होने पर आशंका है कि तस्कर राजस्थान में अधिक सक्रिय हैं। वह 2000 रुपए में देशी कट्टा और 25,000 रुपए में पिस्टल बेच रहे हैं। इनके साथ कुछ राउंड कारतूस भी उपलब्ध करवाते हैं।
पुलिस ने फेसबुक पर बिछाया जाल
सर्विलांस के जरिए हीरपाल सिंह की एक्टिव प्रोफाइल्स का पता लगाया गया। उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर डील की गई। उसने वीडियो शेयर किया और जो अकाउंट नंबर बताया, पुलिस ने उसमें एडवांस जमा कर दिया। पुलिस ने हितेश सिंह उर्फ लंगड़ा को हरियाणा के मानेसर से धर दबोचा। वह वहां बाकी पैसे लेने आया था। उसके मोबाइल फोन को फोरेंसिंक जांच के लिए भेजा गया है।
सर्विलांस के जरिए हीरपाल सिंह की एक्टिव प्रोफाइल्स का पता लगाया गया। उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर डील की गई। उसने वीडियो शेयर किया और जो अकाउंट नंबर बताया, पुलिस ने उसमें एडवांस जमा कर दिया। पुलिस ने हितेश सिंह उर्फ लंगड़ा को हरियाणा के मानेसर से धर दबोचा। वह वहां बाकी पैसे लेने आया था। उसके मोबाइल फोन को फोरेंसिंक जांच के लिए भेजा गया है।
छोटों से ठगी, सिर्फ शातिरों को सप्लाई
पूछताछ में पता चला कि हितेश ने आपराधिक वारदातें 2010 में शुरू की थीं। उसने दोस्त के साथ मिलकर एक किताब की दुकान में चोरी की थी। बाद में वह बाइक चुराकर बेचने लगा। वह नौसिखिए बदमाशों को ठगता था और सिर्फ शातिर अपराधियों को हथियार सप्लाई करता था। हितेश सिंह राजस्थान के एक टोल पर हुई डकैती में भी शामिल था। इसमें टोल के पूरे स्टाफ को लिटाकर बुरी तरह पीटा गया था।
राजस्थान की कई जेलों में रहा, बढ़ाए संपर्क
पुलिस का कहना है कि हितेश राजस्थान की कई जेलों में रहा है। जहां उसने अपराधियों से संपर्क बढ़ाया। जेल में उसकी मुलाकात डकैत धन सिंह पीपरोली उर्फ ठाकुर धनु प्रताप सिंह राठौर से हुई, जो उसका गुरु बना। हितेश सिंह 2013 में जोधपुर जेल से जमानत पर रिहा हुआए तो धन सिंह ने उसे निजी बस सेवा के मालिक शैतान सिंह टेकरा को मारने का काम सौंपा। हालांकि शैतान सिंह बाल.बाल बच गया।