टमाटर के साथ ही अन्य हरी सब्जियों के भाव में भी तेजी आई है। सब्जियों के भाव बढ़ने से भोजन का स्वाद बिगड़ गया है। व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में तेजी का कारण पिछले दिनों हुई बारिश व विभिन्न क्षेत्रों में आई बाढ़ है। क्योंकि, अधिक बारिश के कारण ज्यादातर सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा है। यही वजह है कि फिलहाल कीमतों में तेजी बनी हुई है।
इस साल टमाटर के उत्पादन में चार फीसदी की कमी का अनुमान जताया है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, इस साल टमाटर का उत्पादन 2 करोड़ 3.3 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले साल टमाटर का कुल उत्पादन 2 करोड़ 11.8 लाख टन था। ये अनुमान कृषि मंत्रालय की तरफ से बागवानी फसलों के उत्पादन को लेकर जारी किए गए पूर्वानुमान के बाद सामने आया है। टमाटर की महंगाई से लोग पहले से ही परेशान हैं। फिलहाल टमाटर 60 रुपए प्रति किलो पर बिक रहा है। त्योहारों के अलावा अक्टूबर की शुरुआत में हुई बारिश से टमाटर की फसल को नुकसान होने के अलावा अलावा इनकी सप्लाई घटने से कीमत में ये बढ़ोतरी हुई है।
इसी तरह आलू के दाम बढ़ने की आशंका भी बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक आलू का उत्पादन 2021-22 में 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5 करोड़ 33.9 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल इसका इसका उत्पादन 5 करोड़ 61.7 लाख टन हुआ था। आलू पिछले कुछ महीने से लगातार 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
इस बार प्याज के उत्पादन में भारी इजाफा देखने को मिला है। इस साल प्याज का उत्पादन 3 करोड़ 12.7 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 2 करोड़ 66.4 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। इस साल देश में सब्जियों का उत्पादन 20 करोड़ 48.4 लाख टन होने का अनुमान है। ये आंकड़ा पिछले साल के 20 करोड़ 4.5 लाख टन के मुकाबले ज्यादा रहेगा। फलों के उत्पादन की बात करें तो इस साल 10 करोड़ 72.4 लाख टन फलों का उत्पादन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 10 करोड़ 24.8 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ था।