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सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए तकनीकी ज्ञान ही नहीं, इन स्किल्स का होना भी जरूरी

Skills Needed For Successful Software Developer : आइटी सेक्टर में तेजी से होने वाले बदलाव के कारण प्रोफेशनल्स की मांग और संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। अगर आप बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं तो सफ लता हासिल करने के लिए सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही काफी नहीं है।

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Skills Needed For Successful Software Developer

Skills Needed For Successful Software Developer

Skills Needed For Successful Software Developer : आइटी सेक्टर में तेजी से होने वाले बदलाव के कारण प्रोफेशनल्स की मांग और संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। अगर आप बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं तो सफ लता हासिल करने के लिए सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही काफी नहीं है। कई ऐसी जरूरी स्किल्स हैं जो आपमें होनी जरूरी हैं। ये स्किल्स आपकी सफलता की दर को बढ़ाने का काम करती हैं।

स्वीकारने की क्षमता टेक इंडस्ट्री तेजी से बदल रही है। लैंग्वेज से लेकर लोगों की जरूरतों तक में बदलाव आ रहा है। एक सॉफ्टवेयर डेवलपर और इंजीनियर को ये बदलाव स्वीकार करने के साथ उनके मुताबिक खुद में चेंजेस लाने की जरूरत है। कई कैंडिडेट्स का व्यवहार सीमित होता है।

प्रॉब्लम सॉल्विंग
टेक कंपनियों को हमेशा ऐसे कैंडिडेट्स की तलाश रहती है जिसके अंदर प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल हो। बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैंडिडेट्स को कई तरह की तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई के हल आपके पास होते हैं और कई के नहीं। ऐसे में समस्या को हल करने के लिए तैयार रहने की स्किल आपको दूसरों से अलग बनाती है। आप कैसे उसे समझकर समाधान कर पाते हैं, यही खूबी आपको अलग बनाती है।

टीम वर्क
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक टीम वर्क है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के दौरान आपको टीम के साथ मिलजुल कर काम करना पड़ता है। प्रोडक्ट मैनेजर से लेकर अलग-अलग सेक्शन की जरू रतों के मुताबिक तालमेल बिठाना पड़ता है। इसलिए बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर टीम के साथ खुलने की कोशिश करें। उनकी जरूरतों को समझना और उसके मुताबिक प्लान में बदलाव लाने की खूबी विकसित करें। ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन कर सकते हैं।

कम्युनिकेशन है जरूरी
एक सॉफ्टवेयर डेवलपर की कम्युनिकेशन स्किल बेहतरीन होनी चाहिए। यह ऐसी होनी चाहिए कि जो टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल टीम को अपनी बात आसानी से समझा सके। दोनों टीम को समय-समय पर हर जरूरी जानकारी देता रहे। क्लाइंट के साथ कम्युनिकेशन गैप न हो ताकि हर बात शीशे की तरह स्पष्ट रहे और बेहतर परिणाम मिलें।

एप्रोचेबल
अपने काम में महारथ हासिल करना जितना ज्यादा जरूरी है, उतना ही अहम है लोगों के कॉन्टैक्ट में रहना। जरूरत पडऩे पर उनकी पहुंच में रहना। अगर कोई आपको जरूरी मैसेज या बात बताना चाह रहा है तो सिस्टम ऐसा होना चाहिए कि वो अपनी बात पहुंचा सके और आप उसे रिप्लाय कर सकें। ऐसा न हो कि जरूरत के समय आप स्टाफ या क्लाइंट की पहुंच के बाहर हो जाएं। ये छोटी-छोटी बातें बताती हैं कि आप काम के प्रति कितने संवेदनशील हैं और काम करने का तरीका कितना अलग है।