ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि जिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं हैं अथवा किसी कारणवश पितृपक्ष में नियत तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाए हैं, तो ऐसी स्थिति में इस दिन ज्ञात-अज्ञात पितृों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। सर्वपितृ अमावस्या पर देव पितृ कार्य और दान पुण्य सामान्य अमावस्या के अपेक्षा दस गुना अधिक फलदायी होगा।