—वित्त मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह —गर्ग का जिम्मा अतुन चक्रवर्ती को नई दिल्ली/जयपुर । राजस्थान कैडर के 1983 बैच से भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग ने वित्त मंत्रालय से तबादले के एक दिन बाद ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिये आवेदन किया है। वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह सुभाषचंद्र गर्ग आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव भी नामित किया गया था। हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से बुधवार को जारी एक आदेश के तहत उन्हें बिजली सचिव बना दिया गया। गर्ग की जगह निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अतनु चक्रवर्ती को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है।
—केंद्रीय बजट में रही अहम भूमिका वित्त मंत्रालय की तुलना में बिजली मंत्रालय को अपेक्षाकृ त हल्का विभाग माना जाता है। आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में वह राजकोषीय नीति और आरबीआई संबंधित मामलों के प्रभारी थे। केंद्रीय बजट तैयार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वित्त मंत्रालय से गर्ग की विदाई मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को संसद की मंजूरी से जुड़ी प्रक्रिया पूरी होने के एक दिन बाद की गई।
—सुबह नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय आए…दोपहर बाद चले गए सूत्रों के अनुसार गर्ग नार्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में बृहस्पतिवार को सुबह आए लेकिन दोपहर बाद चले गए। नार्थ ब्लाक में वित्त मंत्रालय का दफ्तर है। यह अभी पता नहीं चला है कि गर्ग ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिये सरकार को आवेदन कब दिया और क्या सरकार ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है?
—अक्टूबर, 2020 में थी सेवानिवृत्ति अगर उन्होंने वीआरएस के लिये आवेदन नहीं किया होता तो वह अक्टूबर, 2020 में 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते। —विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं गर्ग
आईएएस अधिकारी गर्ग 2014 में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आए। वह वहां 2017 तक रहे। उसके बाद उन्हें जून 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया। मार्च 2019 में ए.एन. झा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वित्त सचिव बनाया गया।
—ये है परंपरा वित्त मंत्रालय में चली आ रही परंपरा के मुताबिक मंत्रालय के पांच सचिवों में से जो भी सबसे वरिष्ठ होता है, उसे वित्त सचिव नामित किया जाता है। हालांकि वीआरएस के लिए आवेदन करने के बाद इस बारे में गर्ग से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।