जयपुर

बजट में अनदेखी से नाराज कर्मचारियों ने आज काली पट्टी बांधकर किया काम, 2 मार्च को विधानसभा घेराव

सचिवालय सहित सभी सरकारी कार्यालयों में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, कर्मचारी संगठनों का आरोप, बजट पूर्व संवाद बैठकों के दौरान जो सुझाव सरकार को दिए थे उनकी बजट में नहीं हुई घोषणा, कर्मचारी संगठनों की महा बैठक में लिया गया था सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का निर्णय

जयपुरFeb 15, 2023 / 02:19 pm

firoz shaifi

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधानसभा में पेश किए गए सरकार के अंतिम बजट में कर्मचारियों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कर्मचारी संगठनों ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। बजट में मनमाफिक घोषणा नहीं होने से नाराज प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों ने आज प्रदेश भर में काली पट्टी बांधकर काम किया और सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। राजधानी जयपुर के सचिवालय और अन्य सरकारी महकमों में कार्यरत कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि इसके बाद कर्मचारी संगठनों का प्रदेश व्यापी विधानसभा घेराव 2 मार्च को राजधानी जयपुर में होगा, जहां पर प्रदेश भर के कर्मचारी रैली के रूप में विधानसभा का घेराव करने पहुंचेंगे। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने कर्मचारी संगठनों के साथ वादाखिलाफी की है।

बजट पूर्व संवाद बैठक के दौरान जो सुझाव सरकार को दिए गए थे उन्हें बजट में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए अब सरकार को आने वाले दिनों में इसके परिणाम भुगतने होंगे। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि बजट में कर्मचारियों की अनदेखी से प्रदेश के कर्मचारी संगठनों काफी नाराजगी है।

सरकार ने हमसे वादा किया था कि बजट में कर्मचारियों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाएंगी लेकिन जो मांगे हमारी थी उनमें से एक भी पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट भाषण पर रिप्लाई के दौरान कर्मचारियों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं करते हैं तो फिर सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।


यह है कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगे
-वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक हो
-चयनित वेतनमान एसीपी का लाभ 9,18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के समान हो
-ग्रेड पे 2400 व 2800 के लिए बनाए गए पे लेवल को समाप्त कर केंद्र के अनुरूप पे मैट्रिक्स क्रमशः 25500 से 81100 एवं 29200 से 92300 निर्धारित की जाए
-मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय कर्मचारियों के समान पदोन्नति लाभ दिया जाए
– कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुरूप संविदा कर्मियों एवं सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए
– कर्मचारियों के लिए स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाई जाए
-ग्रामीण भत्ता 10% स्वीकृत किया जाए
-दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से 5 वर्ष व 3 वर्ष वंचित किए जा चुके राज्य कर्मचारियों को उनकी पदोन्नति उपरांत मूल वरिष्ठता प्रदान की जाए
-अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने की घोषणा की जाए।

वीडियो देखेंः- Anganwadi Protest in Jaipur | धरने पर आंगनबाड़ी कर्मी और सहायिका | CM Gehlot | Rajasthan News

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