राज्य के आंगनबाडी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों को अब प्रतिदिन कुछ नया खाने को मिलेगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अक्षय पात्र योजना शुरू की जाएगी।इसके तहत आंगनबाडी केन्द्रों के अंदर एक पात्र रखा जाएगा, जिसका नाम अक्षय पात्र रखा जाएगा। जो फल रखने वाली टोकरी, छींके के समान पात्र होगा, जिसमें जन समुदाय के सहयोग से फल व खाने योग्य अन्य वस्तुएं एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों की अन्य आवश्यक सामग्री को एकत्रित किया जाएगा।दो लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा लाभअलवर जिले में आंगनबाडी केन्द्रों पर करीब 2 लाख 28 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें अधिकतर कच्ची बस्तियों व कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चे ही आते हैं। योजना के तहत मिलने वाली खाने योग्य वस्तुओं को रजिस्टर में भी दर्ज किया जाएगा। आंगनबाडी केन्द्रों पर अभी तक पुरक पोषाहार में दलिया व खिचड़ी ही खाने को दिए जाते हैं। पैकिंग युक्त पंजीरी भी दी जाती है। इनमें बच्चों को रूचि नहीं होती है।अन्य राज्यों में चल रही है योजनामहिला एवं बाल विकास मंत्रालय 17 नवम्बर को देश के अन्य राज्यों में यह योजना चालू कर चुका है। फरवरी माह से इसे राज्य में भी लागू किया जा रहा है।प्रचार प्रसार किया जाएगा एमपी स्वामी निदेशक महिला एवं बालविकास विभाग जयपुर ने बताया कि प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्रों पर अक्षय पात्र योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। सभी उपनिदेशकों को इस योजना का प्रचार प्रसार जनसमुदाय में करने के लिए कहा गया है।