– जिले भर में वर्कर्स की ट्रेनिंग चालू, 50 प्रतिशत काम पूरा
जयपुर-कोटपूतली-बहरोड़। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण की प्रक्रिया अब पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी होने जा रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषाहार में फर्जीवाड़े और कालाबाजारी को रोकने के लिए फेस रिकॉग्निशन और ओटीपी आधारित सिस्टम लागू करने की तैयारी कर ली है। यह नई व्यवस्था जल्द ही जिले के 1206 आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुरू की जाएगी जिसके लिए सेक्टर लेवल पर ट्रेनिंग चालू है सुपरवाइजर की ट्रेनिंग हो गई है अब वर्कर्स की ट्रेनिंग अंतिम चरण में है।
कैसे बदलेगी व्यवस्था?
अब लाभार्थियों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। पोषाहार वितरण के समय उनका चेहरा स्कैन किया जाएगा और उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा। यह ओटीपी पोषण ट्रैकर पोर्टल पर दर्ज होने के बाद ही पोषाहार दिया जाएगा। इस नई प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि पोषाहार सही व्यक्ति तक पहुंचे और गड़बड़ियों की कोई संभावना न रहे।
पोषाहार में क्या मिलेगा?
गर्भवती महिलाओं और धात्रियों को मीठा दलिया, मूंग दाल-चावल की खिचड़ी और फोर्टिफाइड पोषण आहार, 6 माह से 3 साल तक के बच्चों को बाल आहार, दलिया और खिचड़ी व अति कुपोषित बच्चों के लिए विशेष पोषण पैकेट शामिल है।
कार्यकर्ताओं को दी जा रही ट्रेनिंग
सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है वंही सेक्टर स्तर पर कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग का काम जारी है ताकि योजना सुचारू रूप से शुरू हो सके।
जिले के 1206 केंद्रों पर होगी शुरुआत
डिप्टी डायरेक्टर महिला व बाल विकास विभाग सतपाल यादव ने बताया कि कोटपूतली ब्लॉक के 197, बहरोड़ के 205 , नीमराना के 198, पावटा के 148, विराटनगर के 174 केंद्रो सहित जिले के 1206 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं जिनका 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है फिलहाल यह योजना टेक होम राशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के लिए लागू की जा रही है।
डिजिटल बदलाव का उद्देश्य
यह नई प्रणाली सिर्फ पारदर्शिता लाने का माध्यम नहीं है बल्कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके माध्यम से कालाबाजारी रुकेगी व जरूरतमंद तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा।