इसके पूरा होने के बाद राजस्थान को सबसे बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान के कई जिले सीधे जुड़ेंगे। वर्तमान में यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का बन रहा है। भविष्य में इसे दस लेन तक करने की योजना है। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के सिंचित क्षेत्र और बीकानेर से बाड़मेर तक धोरों के बीच से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के आसपास तेजी से आर्थिक विकास होगा। यह मार्ग कांडला पोर्ट तक सामान ढोने वाले भारी वाहनों के लिए वरदान साबित होगा और अभी लगने वाले समय के मुकाबले आधे समय में पंजाब से गुजरात की दूरी तय हो सकेगी।
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ये होगा फायदा
– एक्सप्रेस-वे से अमृतसर, बीकानेर, कच्छ और जामनगर को सबसे ज्यादा फायदा होगा। राजस्थान से पांच राज्यों को सीधा और सुगम मार्ग मिलेगा। हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश सीधे व्यावसायिक पोर्ट गुजरात के जामनगर और कांडला से जुड़ेंगे। कॉरिडोर से 7 पोर्ट, 8 बड़े एयरपोर्ट, डिफेंस एयरस्ट्रिप भी कवर होंगे। आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
– क्षेत्र में पर्यटन स्थलों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी। अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ में पर्यटन बढ़ेगा। तीन बड़ी तेल रिफाइनरी बठिण्डा, बाड़मेर और जामनगर आपस में जुड़ेंगी। गुरुनानक थर्मल प्लांट बठिंडा व थर्मल पॉवर प्लांट सूरतगढ़ जुड़ेंगे।
– अनार व जीरे से संबंधित खाद्य प्रोसेसिंग इकाइयों की यूनिट यहां स्थापित हो सकेंगी।
– गंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के लोग सीधे अमृतसर और गुजरात आ जा सकेंगे। इलाके में पंजाबी समुदाय के लोग अधिक होने के कारण स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने जाते हैं। उन्हें सुविधा मिलेगी। जामनगर अमृतसर एक्सप्रेस हाईवे से समय की बचत भी होगी।
– पचपदरा रिफाइनरी के साथ ही पेट्रोकेमिकल हब बनेगा जो करीब 6500 करोड़ रुपए लागत का है। यहां पर 129 प्रकार के बायो प्रोडक्ट रिफाइनरी के उत्पादित होंगे। इस एक्सप्रेस-वे के कारण पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश तक इंडस्ट्री जुड़ जाएगी।
– बाड़मेर व सांचौर बेसिन में तेल कुओं व रिफाइनरी की वजह से सांचौर व आसपास के क्षेत्र में रिफाइनरी व तेल से संबंधित उद्योग भी तेजी से स्थापित होंगे।
– बालोतरा पॉपलीन उद्योग क्षेत्र है। यहां से गुजरात व महाराष्ट्र कपड़ा परिवहन होता है। एक्सप्रेस-वे बनने से रास्ता सुगम होगा और कम समय में दूरी तय होने के साथ ही करीब 20 प्रतिशत परिवहन व्यय कम होगा।
– सबसे बड़ा फायदा सामरिक दृष्टि से होगा। इस भारतमाला प्रोजेक्ट पर लड़ाकू विमान उतारने का भी दावा किया जा रहा है। इसके लिए बॉर्डर एरिया में डिफेंस मूवमेंट भी अधिक तेजी से की जा सकेगी।
– जोधपुरी स्टोर, हैंडीक्राफ्ट व टैक्सटाइल इंडस्ट्री से बड़ी मात्रा में माल निर्यात होता है। जो गुजरात के कांडला पोर्ट तक जाता है। ऐसे में इस मार्ग से तेजी से माल वहां पहुंच सकेगा।