कैसे तय होता है विमानों का जनरेशन
समय के अनुसार बदलती तकनीक और प्रणाली के अनुसार युद्धक विमानों की श्रेणी तय की जाती है। 1970-80 के बाद जो युद्धक विमान बनाए गए उन्हें चौथी जनरेशन कहा जाता है। 2000 के आरंभ में जिसे बनाया गया, उन्हें पांचवी जनरेशन कहा जाता है। चौथी जनरेशन विमान में बदलाव कर तैयार किए गए विमान को 4.5 जनरेशन कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि उसकी डिजायन चौथी जनरेशन की होती है और तकनीक पांचवे की।
एलसीए तेजस हल्के वजन श्रेणी का विमान है। इसका वजन 15 टन से कम है। 15 से 25 टन के बीच के विमान मध्यम वर्ग श्रेणी में आता है। इसमें राफेल आता है। एएमसीए को इसी श्रेणी में तैयार किया जाएगा। 25 टन से ज़्यादा वाले युद्धक विमान अत्याधिक वजन श्रेणी में आते हैं। इसमें सुखोई-30 एमकेआई शामिल है।
भारत के पास अभी 4.5 जनरेशन जेट
पाकिस्तान और चीन के साथ एक साथ युद्धक स्थिति का सामना करने के लिए इस समय भारत के पास चौथी ओर 4.5 जनरेशन के विमान हैं। पांचवी और उससे उन्नत 5.5 जनरेशन पर अब काम शुरू हो रहा है। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली वैमानिक विकास अभिकरण (एडीए) स्वदेशी अडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) तैयार कर रही है।
राडार को देगा चकमा
इस युद्धक विमान में डबल इंजन होगा और डिजाइन ऐसा होगा कि दुश्मन का रडार भी पकड़ न पाए या फिर तब पता लगा पाएगा जब हमारा विमान दुश्मन के एकदम करीब होगा। तब तक दुश्मन को निशाना बनाने के लिए काफी वक़्त मिल जाएगा।
विमान का डिजायन तैयार हो गया है। मंजूरी मिले के साथ ही इसे 2024 तक तैयार कर लिया जाएगा। पहली उड़ान के लिए 2025 का समय तय किया गया है। मध्य वजन वर्ग में आने वाले इस विमान का उत्पादन 2030 तक शुरू करने की तैयारी है।