विकराल और दर्दनाक था हादसा
हादसा बेहद विकराल और दर्दनाक था। टैंकर में टक्कर लगने के बाद करीब 400 मीटर क्षेत्र में ज्वलनशील केमिकल फैल गया। केमिकल ने पलक झपकते ही आग पकड़ी और हाइवे पर चल रहीं कई गाड़ियां आग का गोल बन गईं। गाड़ियों में बैठे लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही उनकी सांसें थम गईं। जलते वाहनों में से किसी तरह जान बचाकर लोग चीखते-चिल्लाते हुए दौड़े। कुछ को जिंदगी नसीब हो पाई। कुछ आग में सांसें तोड़ते नजर आए। कई गंभीर रूप से झुलसकर भी जिंदगी के लिए जंग करते दिखे। हादसा इतना विकराल था कि इसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।
हादसे के वक्त हाइवे पर माचिस से भरा ट्रक भी गुजर रहा था। ट्रक में हजारों की संख्या में माचिस के पैकेट भरे हुए थे। ब्लास्ट के बाद माचिक के ट्रक में भी आग लग गई। कैबिन जलकर राख हो गया। हालांकि तब तक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच चुकी थीं।
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उन्होंने सबसे पहले माचिक के बॉक्सों पर पानी की बौछार फेंकनी शुरू की, ताकि माचिक के डब्बे आग नहीं पकड़ पाएं। अगर माचिस के डिब्बे भी आग पकड़ लेते तो शायद ट्रक धमाके से उड़ जाता। इसके बाद जेसीबी को बुलाया गया और ट्रक में रखे माचिस के डिब्बों को मौके से हटाया गया। इस दौरान डब्बों पर लगातार पानी फेंका जा रहा था। यह भी पढ़ें
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कई की हालत गंभीर
हादसे के मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री, पुलिस और प्रशासन, सभी अलर्ट हो गए। फिलहाल हाइवे को बंद कर दिया गया है। घायलों को आनन-फानन में सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया गया है। जहां बर्न यूनिट में उनका इलाज चल रहा है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी का कहना है कि कई घायलों को बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई की हालत गंभीर है। खुद चिकित्सा मंत्री भी अस्पताल पहुंचे थे। वहीं हादसे के बाद मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।