गट्टू देवी को प्रतिमाह 1,500 रुपए पेंशन मिलती थी। पिछले साल फरवरी 2022 के बाद पेंशन मिलनी बंद हो गई। पुत्र चुन्नीलाल रेगर ने पंचायत समिति में छानबीन की। यहां मृत्यु प्रमाण पत्र को सत्यापित किए बिना उनकी माता को मृत घोषित करना उजागर हुआ। गट्टू देवी बायोमेट्रिक पहचान के लिए ई-मित्र केंद्र भी गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की है। विभाग ने गट्टू देवी की पहचान का सत्यापन कराया है। निदेशक हरिमोहन मीणा ने कहा कि अगले महीने से पेंशन शुरू हो जाएगी और बकाया भी जमा हो जाएगा।
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