जयपुर

राजस्थान का मिलिट्री स्कूल 94 साल से दे रहा सैन्य अफसर, यहीं से हुई NSA अजीत डोभाल की पढ़ाई

अजमेर का राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल अब तक भारतीय सेना को करीब 11 लेफ्टिनेंट जनरल, 20 से ज्यादा मेजर जनरल, 60 ब्रिगेडियर और अन्य अफसर दे चुका है।

जयपुरJan 15, 2025 / 12:05 pm

Lokendra Sainger

AJMER Military School

रक्तिम तिवारी। राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल 94 साल से देश को सैन्य अफसर दे रहा है। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के अलावा प्रशासनिक और पुलिस सेवा में स्कूल के कई छात्र सेवारत है। कई पूर्व छात्र देश के अहम ओहदे पर रहे हैं। स्कूल भारतीय सेना को करीब 11 लेफ्टिनेंट जनरल, 20 से ज्यादा मेजर जनरल, 60 ब्रिगेडियर और अन्य अफसर दे चुका है।
तत्कालीन ब्रिटिश भारत सरकार ने अपने सैन्य अधिकारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए 1930 में किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल ) स्थापित किया। इसके पहले प्राचार्य कैप्टन डब्ल्यू एल क्लार्क और पहले छात्र अनवर अली खान और नवाब अली खान थे।
साल 2022 से छात्राओं के दाखिले भी शुरू हो चुके हैं। अजमेर के बाद धौलपुर, हिमाचल प्रदेश के चैल, कर्नाटक के बेलगाम और बेंगलुरू में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल खोले गए। यहां के छात्र प्रतिवर्ष एनडीए की परीक्षा देते हैं राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल से 15 से 20 छात्रों का सेना में चयन होता है।

पढ़ चुके यह छात्र

अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पिता), लेफ्टिनेट जनरल बलजीत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल एस.एन. हांडा, लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर सिंह, मेजर जनरल रिशाल सिंह, मेजर जनरल दलवीर सिंह, मेजर जनरल विक्रम पुरी, रियर एडमिरल साई वेंकट रमन, एयर बाइस मार्शल संजीव कपूर, ब्रिगेडियर रामसिंह अहलावत, ब्रिगेडियर एस. ए. रहमान, आईएस कुलबहादुर गुरंग, हनुमान सिंह भाटी, कृष्ण मोहन साहनी
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