दरअसल बस्सी पुलिस… जुडला कुआं की ढाणी इलाके में रास्ता खुलवाने के लिए गई थी। आम रास्ते पर हुए इस अतिक्रमण को हटाने के लिए नियमानुसार पहले अतिक्रमियों से वार्ता की गई थी और उन्हें खुद ही यह रास्ता क्लीयर करने के लिए कहा गया था। पुलिस के साथ प्रशासन के अन्य कार्मिक भी थे। लेकिन वहां पर लोगों ने रास्ता क्लीयर करना तो दूर पुलिस को ही आड़े हाथों ले लिया। एएसआई प्रभुराम, एएसआई रामोतार, सिपाही आनंदीलाल, जितेन्द्र और दो पुलिसकर्मी और थे। पुलिस से पहले तहसीलदार रमेश मीणा अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे थे और लोगों से रास्ते का अतिक्रमण हटाने की बात कर रहे थे। इस दौरान जब माहौल खराब होने लगा तो पुलिस को भी तुरंत ही बुला लिया गया।
पुलिस ने रास्ता क्लीयर कराने की कोशिश की तो इस दौरान स्थानीय निवासी अंशुल, चिंरजी लाल, छोटी लाल, बनवारी, विनोद समेत अन्य लोगों पर पुलिस पर हमला कर दिया। किसी की वर्दी फाड़ दी तो किसी का फोन तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि कुछ देर के बवाल के बाद पांच पुलिसवालों को अस्पताल पहुंचाना पड़ा, जहां उनका मेडिकल कराया गया है। इनमें से कुछ आरोपी फरार हो गए और कुछ पुलिस के हिरासत में ले लिए गए। मौके पर तुंरत अतिरिक्त पुलिस जाब्ता बुलाया गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कल रात बस्सी थाने के ही एएसआई रामवतार ने आरोपियों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने, मारपीट करने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है।
दरअसल जयपुर कलक्टर डा. जितेन्द्र कुमार सोनी ने शुक्रवार पंद्रह नवम्बर को ही यह अभियान शुरू किया है। इसके दौरान उन रास्तों को पुलिस और प्रशासनिक कार्मिकों की मदद से खोला जाएगा जो आम रास्ते हैं, लेकिन उन पर अतिक्रमण किया गया है। फिर चाहे वे गोचर भूमि ही क्यों ना हो….। सप्ताह में कम से कम तीन से चार रास्तों को खोला जाएगा और इसके लिए तमाम जाब्ता पहले से ही मौजूद रहेगा। बताया जा रहा है कि दो दिन के दौरान जयपुर मे ऐसे करीब तीस रास्ते खोले गए हैं। हांलाकि बस्सी में इस तरह से बंद रास्ता खोलने को लेकर पुलिस की पिटाई जरूर हो गई है।