संजीवनी क्रेडिट कॉ-आपरेटिव सोसायटी के बाद अब एसओजी ने आदर्श सोसायटी पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आदर्श सोसायटी के मुखिया की बेटी प्रियंका मोदी की जमानत खारिज कराने के लिए एसओजी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद एसओजी ने दो दिन पहले ही प्रियंका और एक अन्य महिला पदाधिकारी का जयपुर की कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल कर लिया है। अब एसओजी दोनों को तलाश रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से डीबी सीविल रिट याचिका में विचाराधीन बंदी को अंतरिम जमानत देने को सही नहीं माना है। कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील मंजूर करते हुए हाईकोर्ट के आदेश रद्द कर दिया। आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने 27 मई 2021 को विचाराधीन बंदी ललिता राजपुरोहित और प्रियंका मोदी की अंतरिम जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ की ओर से जारी नया आदेश आया है। जिसमें सिविल रिट याचिका दायर हुई और उस पर आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान लागू करते हुए अंतरिम जमानत दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आमतौर पर विचाराधीन बंदियों की अंतरिम जमानत के मामले एकपीठ में सुने जाते हैं। ऐसे मामले में खंडपीठ पीठ के हस्तक्षेप को हम सही नहीं मानते हैं। आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने सिविल रिट पिटिशन में विचाराधीन बंदी ललिता राजपुरोहित और प्रियंका मोदी की अंतरिम जमानत याचिका मंजूर की थी।
सरकार ने मांगा था जवाब के लिए समय
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से डीबी सीविल रिट याचिका में विचाराधीन बंदी को अंतरिम जमानत देने को सही नहीं माना है। कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील मंजूर करते हुए हाईकोर्ट के आदेश रद्द कर दिया। आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने 27 मई 2021 को विचाराधीन बंदी ललिता राजपुरोहित और प्रियंका मोदी की अंतरिम जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ की ओर से जारी नया आदेश आया है। जिसमें सिविल रिट याचिका दायर हुई और उस पर आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान लागू करते हुए अंतरिम जमानत दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आमतौर पर विचाराधीन बंदियों की अंतरिम जमानत के मामले एकपीठ में सुने जाते हैं। ऐसे मामले में खंडपीठ पीठ के हस्तक्षेप को हम सही नहीं मानते हैं। आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने सिविल रिट पिटिशन में विचाराधीन बंदी ललिता राजपुरोहित और प्रियंका मोदी की अंतरिम जमानत याचिका मंजूर की थी।
सरकार ने मांगा था जवाब के लिए समय
मामले में राज्य सरकार की ओर से तत्कालीन अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेंद्र यादव ने ऑफिसर केस इंचार्ज के कोविड होने का हवाला देते हुए जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय जवाब देने के लिए मांगा था। कोर्ट ने जवाब के लिए समय नहीं देते हुए दोनों को अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया था।
एसओजी ने जारी कराए गिरफ्तारी वारंट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर एसओजी ने अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (जयपुर द्वितीय) के यहां अर्जी पेश की। कोर्ट ने गुरुवार को माउंट आबू निवासी ललिता राजपुरोहित और मुम्बई निवासी प्रियंका मोदी का गिरफ्तारी वारंट जारी किया। ललिता व प्रियंका मोदी सोसायटी में एमडी रहीं थी। मामले में अगली सुनवाई 16 जून तय की है।
आठ हजार करोड़ की ठगी, निवेशकों को भरपाई का इंतजार
करीब 8 हजार करोड़ रुपए की ठगी के आरोप में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रमुख पदाधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपियों ने लोगों से निवेश के नाम ली गई रकम को अपनी शैल कंपनी में निवेश कर दुर्विनियोग किया। मुख्य आरोपी मुकेश मोदी ने 28 राज्यों एवं 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में सोसायटी की 806 शाखाऐं खोली। 309 शाखाऐं राजस्थान में खोलकर करीब 20 लाख सदस्य बनाए। इनमें करीब 10 लाख निवेशकों से 8000 करोड़ रुपए ठगे।
आठ हजार करोड़ की ठगी, निवेशकों को भरपाई का इंतजार
करीब 8 हजार करोड़ रुपए की ठगी के आरोप में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रमुख पदाधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपियों ने लोगों से निवेश के नाम ली गई रकम को अपनी शैल कंपनी में निवेश कर दुर्विनियोग किया। मुख्य आरोपी मुकेश मोदी ने 28 राज्यों एवं 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में सोसायटी की 806 शाखाऐं खोली। 309 शाखाऐं राजस्थान में खोलकर करीब 20 लाख सदस्य बनाए। इनमें करीब 10 लाख निवेशकों से 8000 करोड़ रुपए ठगे।