प्रेरणा ने बताया कि पिता बृजराज सिंह साल 2018 में कैंसर के कारण चल बसे। परिवार में मां और हम चार बहन भाई की जिम्मेदारी मां पर आ गई। पिता ने परिवार और मकान के लिए लोन लिया था। कुछ दिन बाद पता चला कि 27 लाख रुपए चुकाने हैं। हमारे पसीने छूट गए इतनी बड़ी रकम देखकर। बैंक वाले घर को नीलाम करने का नोटिस लगा गए। पता चला कि हमारा घर अब हमारा नहीं रहने वाला। इस बीच मां मांया कंवर ने पिता और मां दोनो की जिम्मेदारी संभाली। रिश्तेदारों से मदद ली। चारों बहन भाईयों ने भी पढ़ाई के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया।
अब सफलता मिलने लगी है। एक समय तो घर में कई सालों से चटनी ही बन रही है और सभी लोग उसे पकवान की तरह खाते हैं। लोन के बारे में भी बैंक वालों से बातचीत चल रही है। कुछ लाख रुपए बैंक में जमा भी कराए हैं। अब अच्छे दिन भी आने लगे हैं। कोचिंग प्रबंधन ने भी कई सुविधाएं और छूट दीं और आखिर मेहतन रंग लाई। प्रेरणा ने बताया कि उसकी 1033वीे रैंक है। परिवार खुश है कि अब मैं कुछ बन गई हूं और पापा का सपना पूरा हो गया है।