जयपुर। कांग्रेस नेता और विधायक सचिन पायलट ने कहा है कि सीएम अशोक गहलोत का भाषण सुनने के बाद ऐसा लगता है कि सीएम की नेता सोनिया गांधी नहीं है, उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया है।
एक तरफ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कह रहे हैं कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। सीएम यह समझाए कि वह कहना क्या चाहते हैं। सरकार बनने के बाद मैं डिप्टीसीएम था। 2020 में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की कोशिश की गई थी। हम सरकार में नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे। दिल्ली भी गए। अहमद पटेल के माध्यम से सब नेताओं से मुलाकात हुई। कमेटी का गठन हुआ। माकन, वेणुगोपाल उसमें थे। हमारी बातें सुनकर रोडमेप तैयार किया गया। उसके बाद से हम सब ने राज्यसभा, विधानस्भा में मतदान के समय कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। ढाई साल का जो काम निकला वह इसका प्रतीक हैं। अनुशासन तोडने का काम नहीं किया। मुझे कोरोना, गदृदार, निकम्मा तक कहा गया। परसों जो आरोप लगाए गए, यह ढाई साल से सुन रहा था, लेकिन सरकार की छवि को हम नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे, लेकिन पहली बार देखा कि अपने ही विधायकों को बेइज्जत और बदनाम करने का काम किया जा रहा है और भाजपा नेताओं का गुणगान हो रहा है। यह गलत है। ऐसे लोग जो पब्लिक लाइफ में 35—45 साल से हैं। हेमाराम चौधरी 1980 से विधायक हैं। उनकी क्या क्रेडिबिलिटी है, यह सब जानते हैं। सौ—सौ करोड की जमीन दान की अपनी, 22 करोड खर्च कर हॉस्टल बनाया। इन सब लोगों पर आरोप लगा देना गलत है। इन बेबुनियाद और झूठे आरोपों को नकारता हूं। चंद रुपयों में बिकने के आरोप लगा दिए। तीन साल में कार्रवाई क्यों नहीं की। हम दिल्ली गए, उस समय बात रखी। सारे तथ्यों को संज्ञान में रखने के बाद सोनिया गांधी ने 25 सितम्बर को ओब्जर्वर भेजे थे। पार्टी की मीटिंग ही नहीं होने दी गई। सोनिया गांधी के आदेश नहीं माने गए। उनकी बेईज्जती की गई। ये गदृदारी थी। बहुत से लोग आरोप लगाते हैं कि मोदी और शाह के कहने पर इस्तीफे दिलवा दिए गए। अब तक जो हुआ, उस घटनाक्रम में । यह दिखलाता है कि अनुशासनहीनता किसने की। सही मायने में कौन सरकार—संगठन को मजबूत—कमजोर कर रहा है। यह दिख रहा है। मुझे बहुत सारे लोग बहुत सारी बातें बोलते हैं। यह में मंच पर आकर बोलूं, यह गंभीर राजनीतिक का परिचय नहीं है। मैं डेढ साल से वसुंधरा कार्यकाल के भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए पत्र लिख रहा हूं। मेरे समझ आने लगा है कि यह जांच क्यों नहीं हुई। कार्रवाई क्यों नहीं हुई और क्यों नहीं होगी। यह सब समझ आने लगा है। पब्लिक लाइफ में जनता ही जनार्दन है। मैने करप्शन के इश्यू को उठाया। आगे भी उठाता रहूंगा। वसुंधरा राजे के करप्शन, पेपर लीक पर कोई जवाब नहीं आता है। इसलिए निर्णय किया है कि आरपीएससी जहां से कई पेपर लीक हुए। मैं 11 मई को अजमेर से यात्रा निकालूंगा। जनता के बीच जाउंगा। जनता जनार्दन है। जन संघर्ष पद यात्रा निकालने जा रहा हूं। 125 किमी यात्रा निकालूंगा। जयपुर तक यह यात्रा निकालूंगा। उनकी आवाज को सुनेंगे। जनता का साथ होगा, तब सही निर्णय लिया जाएगा। यह यात्रा करप्शन के विरोध में है, नौजवानों के लिए है। कुछ लोग चाहते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो, कांग्रेस में फूट पडे। चरित्र हनन करने की कोशिश हो रही है। हम ये होेने नहीं देंगे। पब्लिक इश्यू पर मेरा जो स्टेंड है, वही रहेगा। किसी भी नेता से बडी जनता है। यह सब बातें हम जनता के सामने रखेंगे।
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