उन्होंने कहा है कि प्रदेश में मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान दोपहिया वाहन चालकों और पक्षियों को जान का खतरा बना रहता है। तेज धारदार, नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने मांझों व उन पर लोहे और कांच के पाउडर की कोटिंग से आमजन व पशु-पक्षियों को हानि पहुंचने और कई बार जनहानि होने की भी संभावना होती है।
विभिन्न धातुओं के मिश्रण से बने मांझा बिजली तारों के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों के लिए खतरनाक हो सकता है और बिजली सप्लाई में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ऐसी सामग्री से निर्मित मांझों पर तत्काल प्रतिबंधात्मक रोक लगाने की कार्रवाई की जानी चाहिए।
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