ये भी खासियत
स्कूल में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तैयार असेसमेंट सिस्टम (मूल्यांकन पद्धति) से बच्चों का नियमित 360 डिग्री मूल्यांकन किया जाता है। शिक्षा के साथ ही खेल सुविधाओं का भी समावेश किया गया है। पूर्णकालिक कोच बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं। सुरक्षा के सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों को विभिन्न नीतियों में शामिल कर लागू किया गया है। वर्ष 2050 को ध्यान में रख बना सिलेबस
स्कूल की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी ने वर्ष 2050 को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के लिए सिलेबस तैयार किया है। बच्चों में सोचने और उनकी मूल अवधारणाओं को समझने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें ब्लूम टैक्सोनॉमी के साथ वैदिक तरीकों को शामिल किया गया है। ताकि बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्कशक्ति का विकास हो सके।
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से योग्यता प्राप्त शिक्षकों की देखरेख में विभिन्न प्रकार की लैबोरेट्रीज बनाई गई हैं। ये विद्यार्थियों की वर्ष 2050 की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ उनकी इंजीनियर, वैज्ञानिक, विचारक, जिज्ञासु, कलाकार, कवि, लेखक आदि बनने के सपनों को साकार करने की क्षमताएं बढ़ाएंगी। स्कूल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बोर्ड की भागीदारी से विद्यार्थी लैबोरेट्रीज में ’हैंड्स ऑन लर्निंग’ के माध्यम से व्यावहारिक रूप से चीजों को सिखाते हैं।