जानकारी के अनुसार इन एयरपोर्ट पर अडानी ग्रुप 50 साल तक अपग्रेड और ऑपरेट करेगा। जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने विजेता का चयन मासिक प्रति यात्री शुल्क के आधार पर किया है। जल्द ही आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ये एयरपोर्ट अडाणी समूह को सौंप दिए जाएंगे।
सुविधाएं बढ़ेगी, पर महंगा ना हो जाए माना जा रहा है कि निजी हाथों में दिए जाने के साथ ही जयपुर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी। अभी देश के कई राज्यों की राजधानियों के लिए भी जयपुर से सीधी कनेक्टिविटी नहीं है या फिर सीमित है। लेकिन निजी हाथों में देने के बाद सबसे बड़ा अंदेशा एयरपोर्ट पर मिलने वाली सुविधाओं के महंगा होना भी हो सकता है।