छह महीने तो रोने और विलाप करने में ही निकल गए : दिव्या
वुमनअप समिट में हिस्सा लेने पिंकसिटी आईं एक्ट्रेस दिव्या, अपनी बुक ‘मी एंड मां’ और कॅरियर पर की चर्चा
छह महीने तो रोने और विलाप करने में ही निकल गए : दिव्या
जयपुर . ‘वीर जारा’, ‘दिल्ली 6’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘बदलापुर’, ‘चॉक एंड डस्टर’ सरीखी फिल्मों में सशक्त किरदार निभा चुकी अदाकारा दिव्या दत्ता बॉलीवुड में 20 साल से ज्यादा समय से सक्रिय हैं। अगर उनके कॅरियर पर नजर डाली जाए तो उन्होंने अपनी ज्यादातर फिल्मों में सपोर्टिंग रोल ही निभाए हैं। भले ही वह सपोर्टिंग रोल में ज्यादा दिखी हों, पर उनके एक्टिंग टैलेंट को हमेशा सराहना मिली है।
‘वुमनअप समिट’ में शिरकत करने जयपुर आईं दिव्या दत्ता ने कहा कि मुझे सपोर्टिंग एक्ट्रेस का तमगा मीडिया ने दिया है, लेकिन यह कहना सही नहीं है। मुझे हाल में ‘ब्लैकमेल’, ‘फन्ने खां’ जैसी फिल्मों में जो रोल ऑफर हुए, उन्हें किसी भी लीड से कमतर नहीं समझा जा सकता। कई बार लोग इमेज में अटक जाते हैं, लेकिन मुझे जो अनकन्वेंशनल रोल ऑफर हुए हैं, उन्होंने एक एक्टर के तौर पर मेरी अलग पहचान बनाई है। वैसे कई एेसे रोल हैं जो मैं लीड के तौर पर करना चाहती थी, मसलन ‘कहानी’, ‘इश्किया’, ‘अंधाधुन’ जैसी फिल्में।
खास बात यह है कि दिव्या अब राइटर भी बन गई हैं। अपनी बुक ‘मी एंड मां’ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब इसे लिखने के बारे में सोचा, तब छह महीने तो रोने और विलाप करने में ही लग गए, लेकिन फिर तय किया कि या तो रो लिया जाए या लिख लिया जाए। इसके बाद इसे एक महीने में ही लिख डाला और अपने पूरे इमोशंस इस किताब में डाल दिए।
शॉर्ट स्टोरीज पर बेस्ड होगी अगली बुक
मां से बॉन्डिंग पर दिव्या का कहना था, ‘मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे मां ने हर पल संभाला। मैं चाहती हूं कि जब भी कोई यह कहानी पढ़े तो उसे अपने बच्चों को सिखाने का मौका मिले। मेरी अगली बुक शॉर्ट स्टोरीज बेस्ड होगी, जो अगले साल रिलीज होगी।’
अपना बेस्ट शॉट मानकर करो…
सेशन ‘स्टेपिंग आउट ऑफ द फ्रेम’ में चर्चा के दौरान दिव्या ने कहा, ‘मां ने एक बार मुझे कहा था कि रोल चाहे जितना भी छोटा हो, लेकिन तुम उसे अपना बेस्ट शॉट मानकर करो। मां की यह बात मेरे जेहन में बस गई। इसलिए मैं हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं।’
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