एसीबी ने सीएमएम कोर्ट में पेश प्रार्थना पत्र में कहा था कि विधायक खरीद फरोख्त मामले में ऑडियो जांच के लिए सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह और संजय जैन के वॉयस सैंपल लेने की जरूरत है। वॉयस सेंपल लेने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए न्यायिक अधिकारी अधिकृत करने का आग्रह भी किया। इस पर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट किराया अधिकरण को अधिकृत कर आदेश सीलबंद लिफाफे में संबंधित मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया।
सैंपल से इनकार बढ़ा सकता है मुश्किल कानून के जानकारों के अनुसार, सीएमएम के आदेश पर एसीएमएम कोर्ट संबंधित व्यक्तियों को वॉयस सेंपल देने के लिए नोटिस जारी कर सकता है। हालांकि वॉयस सेंपल देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता, लेकिन सेंपल देने से मना करना संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जा सकता है। उधर, इस मामले में संबंधित व्यक्ति के पास आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है।
यह है मामला जुलाई माह में तीन ऑडियो वायरल हुए, जिसमें विधायकों की कथित खरीद फरोख्त को लेकर बातचीत की गई। ऑडियो में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह और संजय जैन की आवाज होने का आरोप है। इसके आधार पर पहले एसओजी ने मामला दर्ज किया। बाद में एसओजी ने क्षेत्राधिकार के आधार पर एफआर पेश की। समान मामले में एसीबी ने संजय जैन, विधायक भंवरलाल शर्मा और गजेन्द्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया। प्रकरण में एसीबी ने संजय जैन को गिरफ्तार भी किया। कांग्रेस ने इसे सरकार गिराने के लिए विधायकों के खरीद-फरोख्त की साजिश बताया। इसी मामले में एसीबी ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह व एक अन्य का वॉयस सैंपल लेने की न्यायालय से अनुमति मांगी।