एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि तीन दिन पहले सवाई मानसिंह अस्पताल के एक अधिकारी ने शिकायत दी थी कि बिना कमेटी मीटिंग कोई अंग प्रत्यारोपण के फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी कर रहा है। कुछ लोग रिश्वत लेकर फर्जी सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद एसीबी के डीआईजी डॉ. रवि के नेतृत्व में टीम गठित की गई और पूरे मामले की जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह रिश्वत के बदले पिछले कई महीनों से कमेटी के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी एनओसी कई अस्पतालों को दे चुका है। इस पर एसीबी ने जाल बिछाकर आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
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शिकायत के सत्यापन के बाद रविवार रात 1.30 बजे एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई शुरू की, जो सोमवार सुबह 5.30 बजे तक जारी रही। एसीबी ने सवाई मानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-आर्डिनेटर अनिल जोशी को एनओसी के बदले रुपए देते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। साथ ही मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर जब्त किया। एसीबी की टीम दोनों आरोपियों को थाने लाई, जहां पर पूछताछ जारी है।