गार्डों के जरिए उगाही करते थे ( ACB Action ) एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी सीधे तौर पर खुद बंधी नहीं लेते थे। वे अपने साथ रहने वाले गार्डों के जरिए उगाही करते थे। अब एसीबी परिवहन विभाग से रिकॉर्ड लेगी, जिसमें पता चलेगा कि जिन गार्डों के नाम बातचीत में आए हैं, वे सरकारी हैं या संविदा पर हैं।
गार्डों के फोन भी सर्विलांस पर जब एसीबी ने कुछ अधिकारियों के फोन सर्विलांस पर लिए तो उनमें कुछ गार्डों के नाम बार-बार आ रहे थे। एेसे में उनकी सक्रियता देखते हुए एसीबी कुछ गार्डों के फोन भी सर्विलांस पर लिए हैं। जबकि कुल 22 टारगेट तय किए हुए थे। रिकॉर्डिंग में सामने आया कि फील्ड में ड्यूटी के दौरान कुछ परिवहन निरीक्षक सीधे तौर पर ट्रांसपोर्टर को फोन नहींं करते थे। वे अपने गार्ड से फोन करवाते। फोन की रिकॉर्डिंग में सामने आया कि गार्ड फोन पर ट्रांसपोर्टर से बंधी मांगता था।
बंटवारे को लेकर की जा रही है पूछताछ एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि गिरफ्तार शाहजहांपुर डीटीओ गजेन्द्र सिंह, चौमूं डीटीओ विनय बंसल, मुख्यालय डीटीओ महेश शर्मा, परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, उदयवीर सिंह, आलोक बुढ़ानिया, नवीन जैन, रतन लाल और दलाल बस संचालक गोल्ड लाइन ट्रांसपोर्ट कंपनी के (दलाल) जसवंत सिंह यादव, विष्णु कुमार-तनुश्री लॉजिस्टिक, ममता पत्नी योगेश कुमार उर्फ बंटी-तनुश्री लॉजिस्टिक, मनीष मिश्रा-तनुश्री लॉजिस्टिक, रणवीर, पवन उर्फ पहलवान और विष्णु कौशिक से बंधी की राशि के बंटवारे को लेकर पूछताछ कर रही है।
भ्रष्टाचार खंगालने के लिए बनाई टीमें अनुसंधान अधिकारी एएसपी आलोक शर्मा के नेतृत्व में एसीबी की तीन टीमें जुटी हैं। एक टीम आरोपियों की संपत्ति की जानकारी जुटा रही है। दूसरी पेन ड्राइव और लैपटॉप को खंगाल रही है। जबकि तीसरी टीम पूरे अनुसंधान संबंधी दस्तावेज तैयार कर रही है।
पति की मदद कर ममता बनी आरोपी एसीबी सूत्रों ने बताया कि ममता का पति योगेश उर्फ बंटी शाहजहांपुर क्षेत्र में सभी ट्रांसपोर्टरों से बंधी की उगाही करता था। बंटी के रेवाड़ी स्थित घर पर कई ट्रांसपोर्टर बंधी की रकम देने जाते थे और कुछ लेने। घर पर पूरा अकाउंट्स का काम बंटी की पत्नी ममता संभालती थी। वह कम्प्यूटर और डायरी में पूरा हिसाब लिखती थी। इसके चलते ममता को भी गिरफ्तार किया है।