आर्या ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस की ओर से ‘आत्मनिर्भर भारत’ ( Aatm Nirbhar Bharat ) विषय पर इंटरनेशनल वेबिनार हुआ। इसमें आईएलओ ( ILO ) यूनाइटेड नेशंस के इंटरनेशनल एडवाइजर एवं स्वच्छ भारत मिशन ( Swach Bharat Mission ) में राष्ट्रीय एंबेसेडर डॉ डी.पी शर्मा ने कहा कि हमें ग्लोबलाइजेशन, लोकलाइजेशन के एक कन्वर्जड मॉडल ग्लोकलाइजेशन को अपनाना होगा। शिक्षा के अंदर मूलभूत परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
परिवर्तन और आत्मनिर्भरता का जज्बा स्कूल और कॉलेज लेवल से शुरू होना चाहिए, जहां पर 35 परसेंट देश का युवा आत्मनिर्भरता के ध्वज को हाथ में लेकर आगे बढ़ना चाहता है। अगर हमें आत्मनिर्भर बनाने में सफल होना है तो तकनीकी विकास के साथ उसके दुष्प्रभावों को भी बैलेंस करके चलना होगा।
भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी ( Bhartiya Skill Development University ) के प्रेसिडेंट ब्रिगेडियर सुरजीत पावला ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब हमें स्किल डवलपमेंट पर फोकस करते हुए काम करना चाहिए। लोग स्किल्ड होकर रोजगार प्राप्त कर सकें। अपने देश को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर ले जाने के लिए डिफेंस एवं अन्य क्षेत्र के प्रोडक्ट भी तैयार कर सकें। आर्य ग्रुप के प्रेसिडेंट डॉ अरविंद अग्रवाल ने रोबोटिक्स, ऑटोमेशन के बारे में बताया। कहा कि भारत के पास बहुत बड़ा मौका है। भारत एक ऑटोमेशन के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है।
एक्सपर्ट पीएम भारद्वाज ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जितने भी सुझाव आज आए हैं। उन सभी सुझावों के साथ साथ एंटरप्रेन्योरशिप के लिए इंडस्ट्री और एकेडमिया के बीच में सेतु बांधने का कार्य किया गया है। उससे पूरे देश में एक मोबिलाइजेशन आया है। यदि हम इंडस्ट्री और एकेडमीया को साथ मिलाकर आत्मनिर्भरता के दो पहिए बनाकर चलें तो हम इसे बहुत जल्द ही प्राप्त कर सकते हैं। इनके अलावा सेशन में राजीव द्विवेदी ने भी विचार रखे।