600 डाकघरों में आधार पंजीयन खोलने का निर्णय
राजस्थान डाक परिमंडल ने पूरे प्रदेशभर में 600 डाकघरों में आधार पंजीयन खोलने का निर्णय लिया है। इनके अलावा राजधानी जयपुर में भी आधार पंजीयन केंद्र शुरू किए जाएंगे। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह पायलट फेज में चयनित डाकघरों को आधार एनरॉलमेन्ट सेंटर एवं आधार अपडेशन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है। इस सुविधा का लाभ बड़ी संख्या में आम जन को मिल सकेगा।
राजस्थान डाक परिमंडल ने पूरे प्रदेशभर में 600 डाकघरों में आधार पंजीयन खोलने का निर्णय लिया है। इनके अलावा राजधानी जयपुर में भी आधार पंजीयन केंद्र शुरू किए जाएंगे। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह पायलट फेज में चयनित डाकघरों को आधार एनरॉलमेन्ट सेंटर एवं आधार अपडेशन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है। इस सुविधा का लाभ बड़ी संख्या में आम जन को मिल सकेगा।
– लगभग सभी उप डाकघरों में ऑर्डर निकाले जा चुके हैं। यह सुविधा लगभग शुरू कर दी गई है। जहां पर इसकी शुरुआत नहीं हुई है वहां पर भी जल्द ही आधार पंजीयन बनाने की सुविधा शुरू होगी। चयनित 600 उप डाकघरों में 71 डाकघर जयपुर के हैं।
दुष्यंत मुद्गल, निदेशक डाक सेवा
दुष्यंत मुद्गल, निदेशक डाक सेवा
केन्द्र सरकार ने यहां भी अनिवार्य किया ‘आधार‘, इसके बिना नहीं हो रहा ये काम टीबी मरीजों को शत-प्रतिशत चिन्हित कर उपचार सुनिश्चित करने के प्रयासों के बीच अब इसके मरीजों के लिए नियमित दवा लेना भी मुश्किल हो गया है। केन्द्र सरकार ने दवा के लिए आधार कार्ड और दवा पर्ची की फोटोकॉपी अनिवार्य कर दी है। मरीजों का कहना है कि इससे उन्हें दवा लेने में कई बार देर हो रही है। आसपास के शहरों के साथ ही राजधानी के सैकड़ों मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। दरअसल, केन्द्र वर्ष 2025 तक देश से टीबी पूरी तरह खत्म करने में जुटी है। इस रोग के मिसिंग केसों की पहचान व उपचार सुनिश्चित करने के लिए यह अनिवार्यता लागू की है। अनिवार्यता क्यों केंद्र सरकार टीबी रोगियों को आर्थिक सहायता की भी तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य मरीजों तक पहुंचकर उन्हें जल्द ठीक करना है। ऑनलाइन मॉनिटङ्क्षरग के लिए उनका विवरण तय सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता है। आधार से लिंक न होने के कारण कई मरीजों का पता नहीं चलता। – योजना प्रांरभिक चरण में है। परेशानियां दूर कर ली जाएंगी। दवा पर्ची डॉक्टर को दिखाकर लानी ही होती है। इस सिस्टम से हर मरीज का उपचार सुनिश्चित होगा। डॉ.दीपक कुमार काला, राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी