जयपुर

रावण दहन के बाद अनोखी परंपरा आज भी कायम…जानें दहन के बाद कौन- कौनसे होते हैं आयोजन

तीये की बैठक, पगड़ी दस्तूर का भी आयोजन

जयपुरOct 12, 2024 / 10:41 am

anand yadav

जयपुर। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी आज देश- प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। दशहरा पर्व पर रावण दहन तो हर कोई देखता हैए लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बाद भी गुलाबीनगर में आज भी कुछ अनोखी परंपराएं निभाई जाती हैं… आइए जानते हैं इनके बारे में
सांगानेर के प्रताप नगर में बरसों से दशहरे के बाद एक परंपरा चली आ रही है। यहां रावण दहन के बाद बकायदा उन सभी रस्मों का निर्वहन किया जाता है, जो सनातन संस्कृति के तहत किसी की मौत के बाद निभाई जाती हैं। इन परंपराओं के माध्यम से न केवल त्योहार की महत्ता को दर्शाया जाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि बुराई पर अच्छाई की विजय हमेशा कायम रहे।
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तीये की बैठक व पगड़ी दस्तूर

रावण दहन के बाद एक अनोखी परंपरा चली आ रही है। मेला समिति के अध्यक्ष राजेंद्र पटेल ने बताया कि अनोखी परंपरा के तहत रावण दहन के बाद तीये की बैठक समेत अन्य आयोजन किए जाते हैं। दहन के बाद 14 अक्टूबर को रावण की तीये की बैठक होगी। समिति के सदस्य रामस्वरूप यादव और किशन बरलानी ने बताया कि 15 सदस्यों की एक टीम हरिद्वार और बद्रीनाथ धाम जाएगी। जहां रावण दहन की राख को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। साथ ही 23 को पगड़ी का दस्तूर होगा जिसमें स्थानीय लोग मौजूद रहेंगें।

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