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छात्र व अन्य सुसाइड न करें, मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो, इसके लिए चलाया जा रहा राज्यव्यापी जागरूकता अभियान

ऐसे में अब मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है।

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kota suicide case

प्रतीकात्मक तस्वीर

जयपुर। कोचिंग सिटी कोटा में छात्रों के पिछले कई सालों में लगातार छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आए है। ऐसे में अब मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। जागरूकता के साथ साथ छात्रों को समझाने का काम किया जा रहा है। ताकी बच्चों को समझ आएं कि जिंदगी कितनी कीमती है।

एमपावर की अध्यक्ष सुश्री परवीन शेख ने बताया कि राजस्थान में युवाओं की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का केंद्र बन गया है। खासकर अपने कंपीटिटिव एकेडमिक माहौल के कारण ऐसा हो रहा है। आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पाने का तनाव, सामाजिक दबाव और जागरूकता की कमी के साथ चिंता, अकेलापन और एकेडमिक तनाव ने डिप्रेशन के मामलों में वृद्धि की है।

इन चुनौतियों से निपटने के लिए राजस्थान में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों का समाधान करने के लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया है। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य की समझ में 23-35% की वृद्धि हुई है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सहायता लेने के प्रति जागरूकता भी 25-30% बढ़ी है। कोटा में स्थापित केंद्र सभी किस्म की मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। छात्र और युवा आसानी से इसका लाभ उठा रहे है। इसके अलावा ऑनलाइन परामर्श सेवाएं पूरे राजस्थान में उपलब्ध है।


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