घटना करधनी थाना इलाके की गणेश वाटिका कॉलोनी में पांच जनवरी को हुई। नौ साल की आफरीन बानो शाम को स्कूल से घर आने के बाद छत पर गई थी। दूर से एक कटी हुई पतंग छत से गुजर रही थी। आफरीन ने कटी पतंग को पकड़कर उड़ाने लगी। घर के सारे सदस्य नीचे अपना-अपना काम कर रहे थे। पिता अशरफ खान बेलदारी करने गया था। थोड़ी ही देर बाद में धमाका हुआ और पूरे घर की लाइट चली गई। धमाके की आवाज सुनकर पड़ोसी हनुमान सहाय छत पर आया। आफरीन बुरी तरह झुलस चुकी थी। झुलसी हुई हालत में अस्पताल ले गए। पुलिस ने बताया कि आफरीन छत पर चायनीज मांझे से पतंग उड़ा रही थी। घर के सामने से ही हाइटेंशन लाइन गुजर रही है। पतंग उड़ाने के दौरान हाइटेंशन लाइन से मांझे छू गया। मांझे में करंट दौड़ गया, जिससे करंट लगने से वह गंभीर रूप से झुलस गई।
पांच दिन जिंदगी और मौत के बीच झुलती रही ‘बेटी’
पिता अशरफ ने बताया कि बेटी को एसएमएस अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती करवाया गया। परिवार के सभी लोग हर समय बेटी की सलामती की दुआ मांगते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पांच दिन तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए नौ जनवरी को आफरीन ने दम तोड़ दिया।
पिता अशरफ ने बताया कि बेटी को एसएमएस अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती करवाया गया। परिवार के सभी लोग हर समय बेटी की सलामती की दुआ मांगते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पांच दिन तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए नौ जनवरी को आफरीन ने दम तोड़ दिया।
बेसुध मां, भाई पूछ रहा दीदी कहां गई
पिता अशरफ ने बताया कि बेटी की मौत का गम इतना हुआ कि आफरीन की मां अब तक बेसुध है। घर में कुछ भी हलचल होती है, तो लगता है बेटी खेलते हुए कमरे में आ गई है। आफरीन का छोटा भाई अबजल बार-बार दीदी के बारे में पूछ रहा है कि दीदी कहां गई। मेरे साथ कब खेलेगी।
पिता अशरफ ने बताया कि बेटी की मौत का गम इतना हुआ कि आफरीन की मां अब तक बेसुध है। घर में कुछ भी हलचल होती है, तो लगता है बेटी खेलते हुए कमरे में आ गई है। आफरीन का छोटा भाई अबजल बार-बार दीदी के बारे में पूछ रहा है कि दीदी कहां गई। मेरे साथ कब खेलेगी।