जयपुर

कभी देती थीं संगीत की शिक्षा, लेकिन हालात ने किया भीख मांगने पर मजबूर

पुनर्वास सर्वे में मिले अपनों के ठुकराए, बेघर लोग, 13 अगस्त तक चलेगी काउंसलिंग, 16 से 31 जुलाई तक चला सर्वे

जयपुरAug 10, 2021 / 05:34 pm

pushpendra shekhawat

कमलेश अग्रवाल/ जयपुर। वक्त ने कुछ ऐसे दिन दिखलाए कि लोगों को संगीत की शिक्षा का दान देने वाली अध्यापिका और बी.कॉम तक शिक्षित बुजुर्ग भिक्षावृत्ति पर विवश हो गए। हालात का सितम ये भी कि अब जब सरकार उनको कोई काम दिलवा रही है तो उनको इस पर विश्वास ही नहीं हो पा रहा है। राजधानी जयपुर के भिखारियों के पुनर्वास के लिए राजस्थान कौशल विकास एवं आजीविका विकास निगम ने पुनर्वास का कार्यक्रम शुरू किया है।
राजस्थान पुलिस सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर सड़क पर भीख मांग रहे या बेघर होकर दूसरों से मिलने वाली सहायता पर निर्भर लोगों का सर्वे करवा रही है। सर्वे में ऐसे कई लोग मिले हैं, जो विभिन्न विधाओं में दक्ष और पढ़े-लिखे हैं, लेकिन किन्हीं हालात और अपनों के ठुकराने पर भिक्षावृत्ति पर मजबूर हो गए।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद भिखारियों के सर्वे और पुनर्वास को लेकर योजना पर विचार हुआ है। इसी के तहत 16 जुलाई से 31 जुलाई तक सर्वे किया। अब 6 से 13 अगस्त तक काउंसलिंग की कार्रवाई चल रही है।
कई पुरस्कार जीते

त्रिवेणी नगर पुलिया के नीचे कई महीनों से रह रही वाराणसी की मंजू मिश्रा ने बताया कि उसके पति की मृत्यु हो चुकी है और बेटी की शादी हो चुकी है। पहले वो संगीत की अध्यापिका हुआ करती थी। उसे इसके लिए कई पुरस्कार भी मिले। यह बताते हुए मंजू की आंखों में चमक दिखी। उसने कहा कि जब अकेली हुई तो जयपुर आ गई। पुलिया के नीचे बसेरा बना लिया। काउंसलिंग के दौरान सामाजिक संगठन और पुलिस ने घर परिवार के बारे में जानने की कोशिश की, लेकिन ज्यादा नहीं बताया। वह अब वह घर नहीं जाना चाहती। मंजू ने कहा कि वह खाना बहुत अच्छा बनाती है, यदि सरकार काम का अवसर दे तो जरूर करना चाहेगी।

बीकॉम पास भिखारी
त्रिवेणी नगर पुलिया के नीचे ही पुलिस को बुजुर्ग रामलाल भी मिले जिन्होंने बताया कि वे 1972 के बी.कॉम शिक्षित हैं। उनको सिलाई का काम भी आता है। परिवार में दो बेटे हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। रिश्तेदारों से विवाद के कारण सब कुछ छूट गया। पुलिस ने कोई मदद नहीं की। अब पुलिया के नीचे रहकर जो मिल जाता है उससे काम चला रहे हैं। जब उनसे सरकार की ओर से काम दिए जाने की बात कही तो बोले, सरकारें कई आती हैं चली जाती है, होना-जाना कुछ नहीं है। रामलाल की आवाज में सरकार के वादों को लेकर पीड़ा और गुस्सा नजर आया।

Hindi News / Jaipur / कभी देती थीं संगीत की शिक्षा, लेकिन हालात ने किया भीख मांगने पर मजबूर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.