मृतक के पिता मोहम्मद सगीर ने बताया कि शाम को जब हल्की बरसात थी। तब शाकिब अपने दोस्तों के साथ बाहर निकला था। जब मौसम और बिगड़ा तो हमने उसे शाम छह बजे फोन कर पूछा कि वो कहां पर है। तब तब शाकिब ने बताया कि बरसात की वजह से वह कर्बला में ही रुक हुआ है लेकिन उस वक्त वह आमेर पहुंच चुका था। हम तो परिवार वाले उसका इंतजार कर रहे थे। तभी खबर आई कि आमेर में हादसा हो गया है और शाकिब भी उसकी चपेट में आ गया।
दोस्तों को बचा रहा था शाकिब के पिता मोहम्मद सगीर ने बताया कि पहली बार उसके हल्की चोट आई थी। वह अपने दोस्तों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था। इसमें कुछ को बाहर निकालने में सफल भी हो गया। इसी दौरान दुबारा बिजली गिरी और इस बार वह खुद भी बच नहीं सका।
घूमने गए और हो गया वज्रपात
गौरतलब है कि आमेर में रविवार शाम 6.30 बजे महल के सामने 2000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित रियासतकालीन वॉच टावर पर बिजली गिरी थी। तब वहां भ्रमण पर पहुंचे बड़ी संख्या में युवा मौसम का लुत्फ उठा रहे थे। बिजली गिरी तो चीख-पुकार मच गई। हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि सोलह लोग घायल हो गए।
गौरतलब है कि आमेर में रविवार शाम 6.30 बजे महल के सामने 2000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित रियासतकालीन वॉच टावर पर बिजली गिरी थी। तब वहां भ्रमण पर पहुंचे बड़ी संख्या में युवा मौसम का लुत्फ उठा रहे थे। बिजली गिरी तो चीख-पुकार मच गई। हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि सोलह लोग घायल हो गए।