इस कार्यक्रम में शहर के करीब 200 उद्यमी, समाजसेवी और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री पाटिल प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए जनभागीदारी के महत्व को रेखांकित करेंगे। इस पहल का उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सामूहिक प्रयासों के जरिए जल संरक्षण को बढ़ावा देना है।
‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान का उद्देश्य
बताते चलें कि ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान के तहत प्रदेश में जल संचयन के प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल में राजस्थान के मूल निवासी, जो देश के अन्य राज्यों में रहकर उद्यमिता में सक्रिय हैं, अपने गृह जिलों में जल संरक्षण कार्यों के लिए योगदान कर रहे हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल संग्रहण के जरिए भूजल स्तर में गिरावट को रोकना है। स्थानीय भामाशाहों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। यह अभियान गुजरात सहित अन्य राज्यों में भी प्रेरणा स्रोत बनता जा रहा है।
सिरोही से जयपुर तक जल संरक्षण की शुरुआत
कार्यक्रम के शुरुआती चरण में सिरोही, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, झुंझुनूं और जयपुर जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में व्यापक स्तर पर वर्षा जल संचयन के कार्य किए जाएंगे। सांगानेर क्षेत्र में भूमि पूजन के साथ इन कार्यों की शुरुआत होगी। आपको बता दें, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अगुवाई में यह अभियान देशभर में जल संचयन के लिए जनभागीदारी का प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है। पाटिल का मानना है कि सामूहिक प्रयासों से राजस्थान जल संकट से उबर सकता है और जल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है।