सचिवालय में समिति के संयोजक मंत्री जोगाराम पटेल की अध्यक्षता में पहली बैठक हुई। बैठक समाप्ति के बाद मंत्री पटेल ने मीडिया को बताया कि भर्ती परीक्षा से आरपीएससी की साख गिरी है। आरपीएससी के कई सदस्य संलिप्त पाए गए हैं। यह इनका बहुत ही कलंकित करने वाला कार्यकाल रहा है। इस परीक्षा में डमी कैंडिटेट बैठे। आज की बैठक में एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर कई बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बारे में अगली बैठक दस अक्टूबर को होगी। ताकि इस बैठक में एसआई भर्ती परीक्षा के रद्द करने या नहीं करने के बारे में निर्णय किया जा सके।
एसआईटी ने दिए तथ्य, अब तो बस और इंतजार कीजिए
पटेल ने यह भी कहा कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। एसआई परीक्षा के निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी गठित की है। एसआईटी ने कई तथ्य दिए हैं। मंत्री पटेल ने भर्ती परीक्षा को लेकर आगे कहा कि कांग्रेस नेताओं के पेट में मरोड़ पड़ रहे हैं, अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। थोड़ा इंतजार कीजिए कई पकड़े जाएंगे। शीघ्र ही और भी बड़े मगरमच्छ पकड़ में आएंगे। आगामी बैठक में तथ्यात्मक जो विवरण आएगा।
कांग्रेस का कार्यकाल कलंकित करने वाला रहा है राजस्थान में नकल माफिया का हावी रहा है। परीक्षाओं में कई डमी कैंडिडेट बैठे थे। आरपीएससी के सदस्य तक लिप्त रहे हैं। ऐसे में योग्य उम्मीदवारों की मेहनत बेकार हो गई। समिति ने इन सारी बातों को ध्यान मे रखा है। हमने चुनाव से पहले जनता से वादा किया था। यदि भाजपा सत्ता में आई तो एसआईटी गठित करेगी। हमने सरकार में आते ही एसआईटी गठित की। एसआईटी ने अच्छा काम किया है। कई मामलों का संकलन एसआईटी ने किया है।
मंत्री पटेल ने यह भी बताया कि जांच में अनेक तथ्य सामने आए हैं। ऐसे तथ्य भी सामने आए हैं जिनकी हमको जानकारी नहीं थी। इस संबंध में कई व्यू भी सामने आए की परीक्षा रद्द होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। सब तरीके से अध्ययन करके इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। पटेल ने यह भी बताया कि एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर अब तक 100 से ज्यादा गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा कई और पेपर माफिया भी रडार पर हैं।
जोगाराम पटेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपने ही लोगों के फोन टैप कराए। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि तब मुख्यमंत्री के ओएसडी ने कही है और प्रूफ सरकार को सौंपे है।